चंद्रशेखर आजाद के पौत्र बोले-तब 23 की उम्र में बलिदान देते थे, अब ले रहे ड्रग्स

निरसा देश की आजादी की लड़ाई के लिए मात्र 23 वर्ष की उम्र में लगभग साढे़ सात लाख लोगों ने बलिदान दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:53 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:53 PM (IST)
चंद्रशेखर आजाद के पौत्र बोले-तब 23 की उम्र में बलिदान देते थे, अब ले रहे ड्रग्स
चंद्रशेखर आजाद के पौत्र बोले-तब 23 की उम्र में बलिदान देते थे, अब ले रहे ड्रग्स

निरसा : देश की आजादी की लड़ाई के लिए मात्र 23 वर्ष की उम्र में लगभग साढे़ सात लाख लोगों ने अपना बलिदान दिया। उनकी कुर्बानी जाया ना जाए। देश के लोग और खासकर युवा वर्ग उनके बारे में जाने। उनसे प्रेरित होकर उनके बताए पद चिन्हों पर चल देश का नाम पूरे विश्व में रोशन करें। इसी उद्देश्य को लेकर हिदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी पूरे देश में अभियान चला रही है।

उक्त बातें शहीद चंद्रशेखर आजाद के पौत्र सह हिदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित आजाद ने शुक्रवार को निरसा के बैजना स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती आर्य समाज वैदिक गुरुकुल में आयोजित अशफाक उल्ला खान की जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कही। अमित आजाद ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि इतिहास को विकृत कर देश के स्वतंत्रता सेनानियों का चरित्र चित्रण नहीं किया गया। उनके नाम पर योजनाएं, सड़क व स्टेडियम का नाम नहीं रखा गया। एक राजनीतिक दल द्वारा सिर्फ अपनी वंश परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाओं, सड़क, स्टेडियम, रेलवे स्टेशन, हवाईअड्डा आदि का नाम अपने नाम पर किया गया। जबकि शहीदों के नाम पर मात्र उंगली पर गिनने वाले स्थानों का नाम रखा गया। बालीवुड में ड्रग्स के हाई प्रोफाइल मामले पर अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि मात्र 23 वर्ष की उम्र में शहीदे आजम भगत सिंह, 24 वर्ष की उम्र में चंद्रशेखर आजाद, 27 वर्ष की उम्र में अशफाक उल्ला खान ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया। लेकिन वर्तमान समय में 23 वर्ष के युवा ड्रग्स के शिकार हो रहे हैं और उन्हें बच्चा बता कर उनकी हिफाजत की जा रही है। यह सरासर देश के साथ अन्याय है। देश की युवा पीढ़ी जब अपने देश के क्रांतिकारियों को अपना आदर्श व मार्गदर्शक बनाएगी उस दिन देश में सही से आजादी आएगी और भ्रष्ट, अलगाववाद, जातिवाद, भाषावाद व क्षेत्रवाद की राजनीति करने वाले लोगों की राजनीतिक दुकान बंद हो जाएगी।

कहा कि हिदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना देश की आजादी के लिए अमर शहीदों ने की थी इसलिए चुनावी राजनीति से अलग हटकर हमारा संगठन युवाओं के बीच जाकर आजादी के लिए शहीद हुए परवानों की गाथाएं, उनकी जीवनी और उनके बताए रास्ते के बारे में जानकारी दे रहा है। ताकि आज की युवा पीढ़ी शहीदों के इतिहास की जानकारी प्राप्त करे और उनके बताए मार्गों पर चलने का प्रयास करे। मौके पर हिदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष हरहर आर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मिश्रा, प्रखंड अध्यक्ष विजय पासवान, जिला अध्यक्ष- मुकेश कुमार, अजय पासवान, देवनाथ मिश्रा, अशोक घाटी, आदिवासी समाज के राशिक टुडू, श्यामलाल टुडू, पुष्पा टुडू प्रह्लाद आर्य, जयंत मिठारी आदि मौजूद थे।

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