Tax Collection में पिछड़ा धनबाद नगर निगम, बीसीसीएल समेत सभी डिफाल्टर्स को दोबारा नोटिस

टैक्स वसूली के मामले में नगर निगम की स्थिति सबसे खराब है। निगम बड़े बकाएदारों से टैक्स नहीं वसूल पा रहा है। इसमें बीसीसीएल रेलवे सीएमपीएफ सिम्फर और कई शिक्षण संस्थान शामिल हैं। लगभग 300 अरब बकाया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 08:41 AM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 08:41 AM (IST)
Tax Collection में पिछड़ा धनबाद नगर निगम, बीसीसीएल समेत सभी डिफाल्टर्स को दोबारा नोटिस
बड़े बकायेदारों से टैक्स वसूल नहीं कर पा रहा धनबाद नगर निगम ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। टैक्स वसूलने में नगर निगम पिछड़ गया है। इसमें नई एजेंसी श्री पब्लिकेशन की ओर से सुस्त गति से टैक्स वसूलना बड़ा कारण है। नगर विकास विभाग ने टैक्स कलेक्शन में पिछड़ने को लेकर निगम को आड़े हाथों लिया है। नगर आयुक्त को राजस्व संग्रहण की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है। फिर से बीसीसीएल समेत सभी डिफाल्टर्स को होल्डिंग टैक्स भुगतान करने के लिए नोटिस भेजने को कहा गया है। नगर आयुक्त को प्रत्येक 15 दिन पर टैक्स कलेक्शन की समीक्षा करनी है। विभाग के कड़े रुख के बाद श्री पब्लिकेशन एजेंसी ने विभाग से तीन महीने का समय मांगा है। कंपनी को अलग-अलग टीम बनाकर टैक्स कलेक्शन करने का निर्देश दिया गया है। नगर विकास विभाग ने नगर निकायों के टैक्स कलेक्शन की समीक्षा के दौरान पाया है कि धनबाद नगर निगम बकाएदारों से टैक्स वसूलने में काफी पीछे है। भारी-भरकम बकाया राशि होने के कारण निगम के राजस्व संग्रहण में भारी गिरावट आयी है। इस मामले में नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार का कहना है कि टैक्स वसूलने वाली एजेंसी श्री पब्लिकेशन के पास बहुत अनुभवी मानव बल नहीं है। इस वजह से टैक्स कलेक्शन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है।

बीसीसीएल पर 250 करोड़ बकाया, 42 वर्ष से रेलवे ने नहीं दिया टैक्स

टैक्स वसूली के मामले में नगर निगम की स्थिति सबसे खराब है। निगम बड़े बकाएदारों से टैक्स नहीं वसूल पा रहा है। इसमें बीसीसीएल, रेलवे, सीएमपीएफ, सिम्फर और कई शिक्षण संस्थान शामिल हैं। लगभग 300 अरब बकाया है। अकेले बीसीसीएल पर नगर निगम ने 250 करोड़ से ज्यादा के होल्डिंग टैक्स के बकाया का दावा किया है। बीसीसीएल के 90 हजार से ज्यादा हाउसहोल्ड का होल्डिंग टैक्स बकाया है। रेलवे ने भी 42 साल से नगर निगम को होल्डिंग टैक्स नहीं दिया है। 1978 तक रेलवे धनबाद नगरपालिका को हर साल अपने 377 क्वार्टर और 60 दफ्तरों का तीन लाख 55 हजार रुपये होल्डिंग टैक्स दिया था। इसके बाद टैक्स देना बंद कर दिया। बीसीसीएल को बकाया टैक्स भुगतान के लिए निगम 2015 से ही अबतक दो दर्जन से अधिक रिमाइंडर भेज चुका है। नगर निगम झरिया, कतरास, केंदुआ और भूली समेत बीसीसीएल के 25 से अधिक वार्ड में डोर टू डोर सफाई करती है। निगम का कहना है टैक्स भुगतान नहीं होने के कारण कर्मियों का एरियर भुगतान लटका हुआ है।

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