National Clean Air Program: दो वर्ष पहले धनबाद में लगे 31 हजार पौधे सूखे, अब उसी जगह फिर पाैधरोपण अभियान; छह करोड़ होंगे खर्च

DMC सिटी सेंटर से मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग से पुटकी निगम क्षेत्र तक दोनों ओर ढाई हजार हजार से अधिक पेड़ काटे गए थे। सिटी सेंटर बरवाअड्डा फोरलेन पर चार गुना तो गोविंदपुर महुदा सड़क सहित अन्य सड़कों पर पांच गुना पेड़ लगाने का निर्देश था।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:45 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:45 AM (IST)
National Clean Air Program: दो वर्ष पहले धनबाद में लगे 31 हजार पौधे सूखे, अब उसी जगह फिर पाैधरोपण अभियान; छह करोड़ होंगे खर्च
सिटी सेंटर-बरवाअड्डा फोरलेन रोड के बीच डिवाइडर पर पाैधरोपण ( फोटो जागरण)।

आशीष सिंह, धनबाद। धनबाद नगर निगम ( DMC) क्षेत्र में दो वर्ष पहले जिस जगह लगभग 31 हजार पौधे राेपे गए थे अब फिर से वहीं पौधारोपण किया जा रहा है। पहले लगे पौधे तो देखभाल न किए जाने की वजह से एक माह के अंदर ही सूख गए। अब लग रहे पौधे भी ऐसे हैं जिनका कद तीन-चार फीट से अधिक नहीं होगा। भले ही गैबियन से घेराबंदी की जा रही है, लेकिन ये बहुत दिनों तक चलने वाले नहीं हैं। आने वाले दिनों में ये दुर्घटना के कारण बन सकते हैं। इसका कारण यह है कि डिवाइडर के नीचे मिट्टी ही नहीं है। इस तरह पौधे तीन से चार फीट तक ही बढ़ पाएंगे। नगर निगम छह करोड़ रुपये में 22 हजार 584 पौधे लगाएगा। इसके लिए तीन-तीन अलग टेंडर किया गया है। एक पौधे की कीमत लगभग 2600 रुपये है। इसका टेंडर किया जा चुका है। टेंडर की शर्त के मुताबिक तीन वर्षों तक पौधों का मेंटनेंस करना है। पौधों और गैबियन की टूट-फूट पर नया पाैधा एवं गैबियन लगाना, पानी देना एवं रखरखाव शामिल है।

यहां बता दें कि सिटी सेंटर से मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग से पुटकी निगम क्षेत्र तक दोनों ओर ढाई हजार हजार से अधिक पेड़ काटे गए थे। सिटी सेंटर बरवाअड्डा फोरलेन पर चार गुना तो गोविंदपुर महुदा सड़क सहित अन्य सड़कों पर पांच गुना पेड़ लगाने का निर्देश था। यह फिलहाल कागजों तक ही सिमटा हुआ है। दो वर्ष पहले कनेर के 31 हजार पौधे रोपे गए थे। पौधों की खरीदारी तो नहीं की गई थी, लेकिन पौधारोपण सहित अन्य मद में लाखों रुपये खर्च हुए थे। बरवाअड्डा चौक से सिटी सेंटर, गोविंदपुर मोड़ से रणधीर वर्मा चौक, बैंक मोड़ से केंदुआ, झरिया, सिंदरी, कतरास व जीटी रोड में कनेर के पौधे लगाए गए थे। सब सूख गए।

नौ ईंच की मिट्टी में अशोक, पीपल एवं सेमल का पौधा

हरे-भरे पेड़ काट दिए गए। एक भी लगे नहीं। अब पर्यावरण संरक्षण के नाम पर लोगों को धोखा दिया जा रहा है। सिटी सेंटर से मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग से पुटकी तक सड़क के बीच में सीमेंट का करीब दो फीट ऊंचा और तीन फीट चौड़ा स्थान बनाया गया है। इसमें ऊपर से थोड़ी मिट्टी भरी गई है। अंदर रोड का मलबा भर दिया गया है। इसके नीचे पिच रोड है। अब इस स्थान में पर्यावरण संरक्षण के नाम पर पौधे रोपे जा रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या नौ ईंच मिट्टी में अशोक, पीपल, सेमल का पेड़ लग जाएगा। यह खानापूर्ति है। विभाग ने पेड़ लगाने वाले स्थान के नीचे की सड़क हटाने के कार्य को प्राक्कलन में शामिल किया है या नहीं, यह सोचने वाली बात है।

प्रशासन के नाक के नीचे दो वर्ष पहले सूख गए पौधे

जल शक्ति और हरा-भरा धनबाद अभियान के तहत दो वर्ष पहले जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से सड़क के बीच बने डिवाइडर में तामझाम के साथ कनेर एवं अन्य पौधे राेपे गए। इन पौधों को लगाने में विभाग की ओर से लाखों रुपये खर्च भी किए गए। देखरेख के अभाव में सभी पौधे महज एक माह में ही सूख गए या जानवरों का निवाला बन गए। धैया-बरवाअड्डा सड़क के बीच बने डिवाइडर पर सैकड़ों पौधे लगाए थे।खुद तत्कालीन डीसी अमित कुमार, पूर्व डीडीसी शशि रंजन कुमार, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, पूर्व नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप और कई अधिकारियों ने उपस्थित होकर पौधे रोपे थे। कहा गया था कि पौधों की घेराबंदी कर देखरेख की जाएगी।

ये पौधे लगाए जा रहे

अशोक, कदम, सोनाजोड़ी, पीपल, सेमल आदि। 

एजेंसी को तीन वर्ष में मिलेगी राशि

हर वर्ष एजेंसी को अलग-अलग राशि दी जाएगी। पहले वर्ष पौधे लगाने व बैरिकेडिंग के लिए 1172 रुपये प्रति पौधा मिलेगा। दूसरे वर्ष 512 रुपये प्रति पौधा व तीसरे वर्ष 452 रुपये प्रति पौधा दिया जाएगा। इसके अलावा जीएसटी भी है। वार्ड 20 से 45 का टेंडर हरेंद्र कुमार सिंह और 46 से 55 का टेंडर मां अंबे कंस्ट्रक्शन को मिला है। वार्ड एक से 19 वार्ड का टेंडर अब तक फाइनल नहीं हुआ है। धनबाद, झरिया, सिंदरी अंचल में पौधारोपण किया जा रहा है।

फैक्ट फाइल सिटी सेंटर से बरवाअड्डा फोरलेन सड़क के लिए 416 पेड़ काटे गए। इसमें 80 प्रतिशत पेड़ करीब छह दशक से भी अधिक पुराना था। गोविंदपुर महुदा फोरलेन सड़क के लिए 3142 पेड़ काटे गए। जिसमें 90 प्रतिशत पेड़ सात दशक पुराने थे। बैंकमोड़ सिंदरी सड़क चौड़ीकरण में 100 पेड़ काटे गए।

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत पौधे राेपे जा रहे हैं। इस बार पौधों की नंबरिंग और जियो टैगिंग की जा रही है। कौन सा पौध कहां लगा है और उसकी क्या स्थिति है, इसका डाटा तैयार होगा। तीन वर्ष के अंदर अगर एक भी पौधा खराब होता है तो एजेंसी को उस पौधे को बदलना होगा। रखरखाव और पौधों को बचाने की जिम्मेवारी एजेंसी की होगी।

- सत्येंद्र कुुमार, नगर आयुक्त

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