Dhanbad कोर्ट ने दी अंग प्रत्यारोपण की इजाजत, आज चेन्नई में रानी अपने बच्चे के लिए करेगी लिवर ट्रांसप्लांट
बीमार आरव को लिवर ट्रांसप्लांट करना जरूरी है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए उसकी मां रानी डोनर बनकर सामने आई है। पिछले 2 महीने से लगातार मासूम आरव की जिंदगी बचाने की मुहिम रंग लाई है। ऑपरेशन में कुल 25 लाख रुपए खर्च आने हैं।
जागरण संवादाता, धनबाद: अपने मासूम 4 महीने के बेटे आरव की जिंदगी बचाने के लिए मां रानी देवी को अंग प्रत्यारोपण करने की इजाजत धनबाद कोर्ट में दे दी है। कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद आरव की जिंदगी बचाने की मुहिम में एक नई उम्मीद जगी है। चेन्नई के ग्लोबल अस्पताल में आज बुधवार को दोनों का लिवर ट्रांसप्लांट कराया जाएगा। बीमार आरव को लिवर ट्रांसप्लांट करना जरूरी है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए उसकी मां रानी डोनर बनकर सामने आई है। पिछले 2 महीने से लगातार मासूम आरव की जिंदगी बचाने की मुहिम रंग लाई है। ऑपरेशन में कुल 25 लाख रुपए खर्च आने हैं। लेकिन धनबाद वासियों के सहयोग से 22 लाख रुपए जमा हो गए हैं। अब लगभग दो लाख 80 हजार रुपए घट रहे हैं। हालांकि इसके लिए भी समाजसेवी आगे आ रहे हैं। दैनिक जागरण लगातार की जिंदगी बचाने की मुहिम में खड़ा रहा रहा।
आज12 घंटे तक चलेगा लिवर ट्रांसप्लांट
मासूम आरव की लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 12 डॉक्टरों की विशेष टीम तैनात की गई है। डॉक्टर ने ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने बताया कि धनबाद वासियों ने बढ़ चढ़कर मदद की है। धनबाद वासियों की दुआ है यह ऑपरेशन सफल रहे और रानी देवी अपने मासूम बच्चे को जिंदगी बचाने में कामयाब रहे। हालांकि डॉक्टरों का कहना है 95% तक यह लिवर ट्रांसप्लांट सफल रहने की उम्मीद है। ऑपरेशन के 2 वर्ष तक मां और बेटी दोनों की विशेष निगरानी जरूरी है। ट्रांसप्लांट के 1 महीने तक अस्पताल के आईसीयू में ही दोनों को रहना होगा।
ऑपरेशन से पहले मां बच्चे ने एक दूसरे को जी भर कर देखा
ऑपरेशन से पहले मां और बच्चे को एक साथ रात भर अस्पताल में चिकित्सकों ने रखा है उनके साथ चिकित्सकों की टीम भी मौजूद है। बताया गया कि ऑपरेशन से पहले मां और बच्चे एक दूसरे के साथ रहे। रानी अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए पिछले 2 महीने से लगातार जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों के चक्कर लगाती रहे उनके साथ उनके पति अजय कुमार भी लोगों से मदद मांगते रहे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से असाध्य रोग के तहत 5 लाख रुपए दिए गए हैं। परिवार बरमसिया में रहते हैं