Jharkhnad का नंंबर वन ज‍िला धनबाद... क‍िसी उपलब्‍धि के ल‍िए नहीं बल्‍कि इस मामले में

धनबाद नंबर वन ज‍िला बन गया है पूरे झारखंड का। गंदगी के क्षेत्र में तो नाम रहा ही है। अब ये उपलब्‍धि कम ल‍िंंगानुपात के कारण प्राप्‍त हुई है। जी हां धनबाद का ल‍िंंगानुपात पुरे झारखंड में सबसे कम है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 12:16 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 12:16 PM (IST)
Jharkhnad का नंंबर वन ज‍िला धनबाद... क‍िसी उपलब्‍धि के ल‍िए नहीं बल्‍कि इस मामले में
धनबाद पूरे झारखंड का सबसे कम ल‍ि‍ंंगानुपात वाला ज‍िला बन गया है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला नगर धनबाद प्रदूषण के साथ ही एक और सामाजिक बुराई पीछा नहीं छोड़ रही है। धनबाद पूरे राज्य में ऐसा जिला है जिसका लिंगानुपात सबसे कम है। इसी को देखते हुए वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की। अभियान पर अब तक 20 लाख से अधिक रुपए खर्च कर दिए गए। इसके बावजूद धनबाद का मिजाज बदलता नहीं दिख रहा है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे रेडियोलोजी जांच केंद्र कन्या भ्रूण जांच कर रहे हैं। आए दिन कन्या भ्रूण का गर्भपात सुर्खियां बन रही है। लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस पर उदासीन बना हुआ है।

जिले में 69 अल्ट्रासोनोग्राफी जांच केंद्र, नहीं होता औचक निरीक्षण

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गतजिले में 69 अल्ट्रासोनोग्राफी जांच केंद्र चल रहा है। लेकिन जिले में मात्र 19 रेडियोलॉजिस्ट है। अब ऐसे में इतने जांच केंद्र कैसे चल रहे हैं यह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी नहीं बता रहे हैं। नियमानुसार एक रेडियोलॉजिस्ट दो केंद्र चला सकते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के पास उन्हें शपथ पत्र देना पड़ता है। लेकिन भौतिक सत्यापन और औचक निरीक्षण नहीं होने की वजह से जांच केंद्र मनमानी कर रहे हैं। यही वजह है कि बैक डोर से कई अल्ट्रासोनोग्राफिक जांच केंद्र में कन्या भ्रूण की जांच की जा रही है। सब कुछ जानते हुए भी विभाग में बैठा हुआ है। जांच के नाम पर विभाग 12 केंद्रों में जाकर खाना पूरी करता है।

धनबाद में घट रही महिला आबादी

यदि जनगणना (2011) के आंकड़ों की माने तो अपने धनबाद में एक हजार पुरुषों की तुलना में मात्र 908 महिलाएं ही बची हैं। जबकि वर्ष 0-6 वर्ष की बच्चों की बात करें, तो यहां मात्र 917 बच्चियां ही हैं। वहीं पड़ोसी जिला बोकारो में 912 महिलाएं व 916 बच्चियां, गिरिडीह में 943 महिलाएं व 943 बच्चियां ही एक हजार पुरुष व बच्चे की रेशियो में हैं। इस मामले में वेस्ट सिंहभूम लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। यहां एक हजार पुरुषों की तुलना में 1004 महिलाएं हैं। वहीं सिमडेगा में एक हजार बच्चों में एक हजार बच्चियां हैं। अब यूनिसेफ, व अन्य संस्थाओं की मानें तो 2012-13 में भी महिलाओं की संख्या में कमी ही आ रही है। हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि पिछले कुछ दिनों में लिंगानुपात में सुधार हुआ है।

chat bot
आपका साथी