Elephant Attack: पीड़ित परिवारों का भरा नहीं जख्म और एक की फिर चली गई जान

ग्रामीण इलाकों में हाथियों का कहर झेलने वाले लोगों को मुआवजा नहीं मिल रहा है। नए वित्तीय वर्ष में किसी भी व्यक्ति को वन विभाग की ओर से मुआवजा नहीं दिया गया। राशि का आवंटन नहीं आने से हाथी से पीड़ितों को मुआवजा के लिए भटकना पड़ रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 02:21 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 02:21 PM (IST)
Elephant Attack: पीड़ित परिवारों का भरा नहीं जख्म और एक की फिर चली गई जान
हाथियों को भगाते ग्रामीण ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता धनबाद।  टुंडी के मनियाडी के मछुआरा गांव की अजमेरून बीवी को हाथी ने कुचल कर मार डाला था। उसके परिजन मुआवजे का इंतजार कर ही रहे थे कि हाथी ने खुखड़ी (मशरूम) चुनने गई महिला व पुरुषों पर झुंड से बिछड़े दो हाथियों ने हमला कर दिया जिसमें एक महिला फुकु मंझियांन(50) को कुचलकर मार डाला। वन विभाग के मशालची टीम व ग्रामीणों को घंटों मशक्कत के बाद महिला का शव बुरी हालात में बीच जंगल में मिला। पिछले 20 दिनों से टुंडी के कई गांवों में हाथियों का झुंड घूम रहा है। चार माह के अंदर एक दर्जन से अधिक घरों को हाथियों ने नष्ट कर दिया है। कई किसानों की फसलों को रौंद दिया। चार माह बीतने को है, लेकिन अभी तक एक भी पीड़ित को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा नहीं मिला। वन विभाग की टीम हाथियों को एक से दूसरे जिले में भगाने में पसीना बहा रही है।

ग्रामीण इलाकों में हाथियों का कहर झेलने वाले लोगों को मुआवजा नहीं मिल रहा है। नए वित्तीय वर्ष में किसी भी व्यक्ति को वन विभाग की ओर से मुआवजा नहीं दिया गया। राज्य सरकार द्वारा मुआवजे की राशि का आवंटन नहीं आने से हाथी से पीड़ितों को मुआवजा के लिए भटकना पड़ रहा है।

हाथी ने कुचल कर मार डाला था महिला को, अब तक नहीं मिला मुआवजा

इस साल 8 अप्रैल को टुंडी के मनियाडी के मछुआरा गांव में अजमेरून बीवी को कुचल कर मार डाला था। सुबह-सुबह महुआ चुनने गई महिला की जान हाथी ने ले ली। इस घटना के तीन माह बाद भी मृतिका के परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है। हाथियों ने इस साल एक दर्जन से अधिक घरों को नुकसान पहुंचाया है। इसमें टुंडी के लोहार नोहाट मैं विजय चौधरी, मनोज चौधरी के घर को नुकसान पहुंचाया। वही नवादा गांव में बेनीलाल बेसरा, परसाबनी गांव की सबाबा देवी का हाथ तोड़ दिया। इसी तरह पहुंचवा देवी की फसल को रौंद दिया, लेकिन किसी को मुआवजा नहीं मिला। डीएफओ विमल लकड़ा ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष में हाथियों से हुए नुकसान पर मुआवजा नहीं दिया गया है। सरकार से जल्द ही आवंटन आने की सूचना है।

वन विभाग का मुआवजा

- मौत होने पर चार लाख, घायल होने पर 15 हजार से एक लाख

- पूर्ण रूप से अपंग होने पर दो लाख

- पूर्ण रूप से मकान क्षतिग्रस्त होने पर एक लाख 30 हजार

- हल्का क्षतिग्रस्त होने पर 10 से 40 हजार तक

- अनाज क्षतिग्रस्त होने पर 1600 रुपए प्रति क्विंटल

- पालतू जानवर की मृत्यु होने पर 3 से 30 हजार

- फसल की क्षति होने पर 20 हजार प्रति हेक्टेयर

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