Jharkhand Panchayat Elections: कांग्रेस जल्द पंचायत और नगर निगम चुनाव के पक्ष में, धनबाद जिलाध्यक्ष ने उठाई आवाज

कांग्रेस का कहना है कि पंचायत जिला परिषद और इसकी सभी इकाइयों को सरकार ने बंद कर दिया है। 24 की रात से ही यह प्रभावी भी हो चुका है। इसका मतलब यह है कि अब झारखंड में पंचायती राज नहीं रहा। गांव की सरकार खत्म हो गई है।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:57 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 08:08 AM (IST)
Jharkhand Panchayat Elections: कांग्रेस जल्द पंचायत और नगर निगम चुनाव के पक्ष में, धनबाद जिलाध्यक्ष ने उठाई आवाज
कोरोना के कारण झारखंड में पंचायत चुनाव लंबित ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंंड की हेमंत सोरेन सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने पंचायत एवं निगम चुनाव जल्द से जल्द कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। नगर निगम चुनाव में अपनी प्रबल दावेदारी पेश करने के साथ ही जिला कांग्रेस अब गांव की सरकार में भी दखल देने की तैयारी में है। शहर से लेकर गांव तक अपने संगठन विस्तार को लेकर कांग्रेस अभी से प्लेटफार्म तैयार कर रही है। यही कारण है कि कांग्रेस ने पंचायत चुनाव तीन महीने के अंदर कराने की बात कही है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने राज्य चुनाव आयोग के समक्ष यह मांग रखी है। साथ ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी जल्द चुनाव कराने के लिए पहल करने की अपील की है। 

झारखंड में अब पंचायती राज नहीं

कांग्रेस का कहना है कि पंचायत, जिला परिषद और इसकी सभी इकाइयों को सरकार ने बंद कर दिया है। 24 जुलाई की रात से ही यह प्रभावी भी हो चुका है। इसका मतलब यह है कि अब झारखंड में पंचायती राज नहीं रहा। गांव की सरकार खत्म हो गई। नगर निगम चुनाव पहले से ही एक वर्ष से विलंब पर है। अभी तक चुनाव नहीं हो सका। इससे आम जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अब पंचायत जिला परिषद भी अस्तित्व में नहीं रहा। ऐसी स्थिति में हम झारखंड सरकार और चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि तीन माह के अंदर गांव की सरकार का चुनाव कराकर नई सरकार अविलंब बहाल करें।

शहर से लेकर गांव के लोगों को हो रहा नुकासन

जनप्रतिनिधि नहीं होने से चाहे वह शहरी क्षेत्र हो या गांव की, सबसे अधिक नुकसान जनता को ही उठाना पड़ता है। इसका फायदा सरकारी अफसर उठाते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। परिस्थिति जो भी हो झारखंड सरकार को और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह है कि जिला परिषद ग्राम पंचायत सभी का चुनाव एक साथ तीन महीने के अंदर कराया जाए।

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