खनन के लिए बीसीसीएल को मिलेगी भूमि, धनबाद प्रशासन ने शुरू की कवायद

बीसीसीएल प्रबंधन ने जिला प्रशासन से कोलियरी विस्तार के अतिरिक्त जमीन की मांग पिछले कुछ साल से करती आ रही है। अब जाकर जिला प्रशासन ने उस मांग पर काम शुरू किया है। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सरकार की ओर से निर्देश दिया जा चुका है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 11:57 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 12:03 PM (IST)
खनन के लिए बीसीसीएल को मिलेगी भूमि, धनबाद प्रशासन ने शुरू की कवायद
कोयला खनन के लिए भूमि ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। देश भर में काेयला की कमी को लेकर मचे हाहाकार के बीच भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के लिए राहत भी खबर आई है। बीसीसीएल को कोयला खदान के लिए अतिरिक्त भूमि देने की कवायद जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। इसके लिए धनबाद अंचल में 123 एकड़ जमीन की पहचान कर ली गई है। यह अतिरिक्त भूमि वन विभाग की है। जो बेरा कोलियारी को और विस्तार देने के लिए दी जाएगी।

गौरतलब है कि बीसीसीएल प्रबंधन ने जिला प्रशासन से कोलियरी विस्तार के अतिरिक्त जमीन की मांग पिछले कुछ साल से करती आ रही है। अब जाकर जिला प्रशासन ने उस मांग पर काम शुरू किया है। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से इसके लिए निर्देश दिया जा चुका है। लेकिन कुछ औपचारिक प्रक्रिया को पुरा किया जाना बाकी है। जैसे कि सबसे पहले जन सुनवाई किया जाना।

जन सुनवाई वह प्रक्रिया है जब किसी भी कंपनी को जन कल्याण के लिए फैक्ट्री लगाने या फिर कोई अन्य काम करने के पहले वहां के स्थानीय लोगों की रायशुमारी किए जाने के लिए आम बैठक बुलाना। फिर उसे संबंधित प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजना। ताकि वह उचित निर्णय ले सके। लेकिन इस मामले में आगे कोई विशेष परेशानी आती नहीे दिख रही। वजह है हस्तानांतरित किए जानेवाली जमीन का वन विभाग का होना। इस कारण जनता की तरफ से कोई आपत्ति नहीं किए जाने की संभावना प्रबल है।

इस बारे में अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी ने बताया कि उपायुक्त के आदेश पर इस महीने की शुरूआत में ही जन सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस क्रम में एकाध लोगों को छोड़ कर शेष किसी भी व्यक्ति ने कोई आपत्ति नहीं जताई है। इस कारण इससे संबंधिति रिपोर्ट बना ली गई है। जल्द ही इसे जिला प्रशासन को युक्तियुक्त निर्णय के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। जिसके बाद जमीन हस्तांतरण की शेष प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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