कोरोना मरीजों को लूट रहे निजी अस्पताल, सीएम के ट्वीट के बाद डीसी ने रेट चार्ट जारी करने को कहा Dhanbad News
कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को ट्वीट कर चेतावनी दी थी। धनबाद के उपायुक्त ने कहा है कि आपदा की घड़ी में लोगों की सेवा करना अस्पताल प्रबंधन का उद्देश्य होना चाहिए।
धनबाद, जेएनएन। जिले के निजी कोविड अस्पतालों के संबंध में जिला प्रशासन से लेकर स्टेट हेल्पलाइन नंबर 104 पर अस्पताल प्रबंधन पर मरीज को भर्ती करने से पहले लाखों रुपए डिपोजिट करने, दवा, इंजेक्शन, विभिन्न तरह के टेस्ट के लिए तय कीमत से अधिक राशि वसूलने, अस्पताल में गंदगी होने की शिकायतें बार-बार प्राप्त होती है। निजी अस्पताल शोषण का जरिया न बने। पारदर्शी सिस्टम के तहत मरीजों से सरकार द्वारा तय रेट ही चार्ज करें। लोग जागरूक है।अस्पताल सबकी नजरों में है। किसी की भी गलत हरकत शीघ्र संज्ञान में आ जाएगी। यह बातें धनबाद के उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने गुरुवार को सर्किट हाउस स्थित कोविड वार रूम से जिले के सभी निजी कोविड अस्पतालों के प्रबंधन के साथ आयोजित ऑनलाइन बैठक में कहीं।
पूरे राज्य के निजी अस्पतालों में राज्य सरकार द्वारा कोविड उपचार की दरें तय है।
इन तय दरों से ज़्यादा रक़म लेना क़ानूनन जुर्म है।
इससे सम्बंधित शिकायत आप हमें 104 नम्बर पर फोन कर हमें दे।
कार्रवाई तुरंत की जाएगी। pic.twitter.com/a3oP2BX97z— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 12, 2021
आपदा की घड़ी सेवा होना चाहिए उद्देश्य
कोरोना मरीजों से इलाज के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को ट्वीट कर चेतावनी दी थी। उन्होंने स्टेट हेल्पलाइन नंबर 104 भी जारी किया था। इसके बाद धनबाद के उपायुक्त ने गुरुवार को निजी अस्पतालों के साथ बैठक की। कहा कि आपदा की घड़ी में लोगों की सेवा करना अस्पताल प्रबंधन का उद्देश्य होना चाहिए। रांची के बड़े-बड़े अस्पताल भी सरकार द्वारा तय रेट चार्ट के अनुरूप राशि मरीजों से लेते हैं। जिले के अस्पतालों द्वारा अनावश्यक रूप से मरीजों से पैसे की वसूली करने और सरकारी रेट से अधिक रकम लेने से उनकी प्रतिष्ठा पर बट्टा लग सकता है। कार्रवाई होने पर उनका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। उन्होंने कहां कि मरीजों से एडवांस रकम लेने की एक सीमा होनी चाहिए। आपदा की इस घड़ी में लोगों का सहयोग करना चाहिए। इस कारण गरीब और मध्यमवर्गीय लोग जिला प्रशासन द्वारा इलाज के लिए मुहैया सुविधा को प्राथमिकता देकर सरकारी अस्पतालों में आते हैं। इसलिए जिला प्रशासन ने भी आईसीयू बेड की संख्या में बढ़ोतरी करने व चिकित्सा की मुकम्मल व्यवस्था करने की ठान ली है।
कोविड अस्पतालों में होगी डेथ ऑडिट
उपायुक्त ने कहा कि सभी सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में डेथ ऑडिट होगी। एक कमेटी द्वारा आने वाले दो-तीन दिनों में आईसीएमआर के नियमानुसार ऑडिट होगी। इसमें मरीज की मृत्यु किस कारण से हुई, क्यों हुई, कैसे हुई, इलाज के दौरान कहां लापरवाही बरती गई इत्यादि का उल्लेख होगा। 10 दिनों के बाद कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट सुपुर्द करेगी। उन्होंने कहा कि डेथ ऑडिट का उद्देश्य किसी को डराना नहीं है बल्कि एक सही तस्वीर सामने लाना है। सबको मिलकर टीम वर्क की भावना से कोरोना से लड़ना है। सभी अस्पताल ऑडिट कमिटी का सहयोग करें और उनके यहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का कोविड ट्रिटमेंट प्रोटोकोल को गंभीरता से लेते हुए इलाज करें। ऑनलाइन बैठक में जिले के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पताल के प्रबंधन व प्रतिनिधि उपस्थित थे।