कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के उत्थान को सामने आई कई कार्पोरेट कंपनियां

धनबाद कोरोना की दूसरी लहर में अपने माता-पिता को खाने वाले बच्चों के उत्थान के लिए जिले में काम कर रही कई कारपोरेट कंपनियों ने मदद की पेशकश की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 03:44 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 03:44 AM (IST)
कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के उत्थान को सामने आई कई कार्पोरेट कंपनियां
कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के उत्थान को सामने आई कई कार्पोरेट कंपनियां

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोरोना की दूसरी लहर में अपने माता-पिता को खाने वाले बच्चों के उत्थान के लिए जिले में काम कर रही कई कारपोरेट कंपनियों ने मदद की पेशकश की है। उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद उमा शंकर सिंह की पहल पर भारत कोकिग कोल लिमिटेड, हिदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, एससीसी, मैथन पावर लिमिटेड, टाटा स्टील, डीवीसी ने बुधवार को बच्चों के उत्थान के लिए सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया है।

सर्किट हाउस स्थित कोविड कंट्रोल रूम से उपायुक्त ने कोरोना संक्रमण के कारण प्रभावित परिवारों को संबल साथी योजना के तहत लाभान्वित करने तथा दूरगामी सहायता प्रदान करने के लिए ऑनलाइन बैठक की। इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि सर्वे के दौरान 22 प्रभावित बच्चों की सूची प्राप्त हुई है। इन बच्चों ने अपने माता-पिता या घर के मुखिया को कोरोना के कारण खो दिया है। उनके सामने अब जीविका का कोई रास्ता नहीं बचा है। इन बच्चों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है। शिक्षा और कौशल विकास से ही इन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा सकता है। बैठक में उपस्थित भारत कोकिग कोल लिमिटेड के निदेशक एमवीके राव ने कहा कि बीसीसीएल सभी 22 बच्चों के पढ़ाई का खर्च वहन करेगी। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों का कौशल विकास कराने में सहायता करेगा। प्रभावित परिवारों को संबल साथी योजना के तहत किट भी बीसीसीएल देगा। वहीं हर्ल के महाप्रबंधक हिम्मत सिंह चौहान ने कहा कि प्रभावित बच्चों को दीर्घकालिक रिहैबिलिटेशन के तहत तैयार कर उन्हें आउटसोर्सिंग में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि एसीसी प्रबंधन ने बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति देने के साथ उनको कौशल विकास के लिए 45 दिन का सिलाई प्रशिक्षण देकर गारमेंट मैन्युफैक्चरिग के रोजगार से जोड़ने की बात कही। कंपनी का 110 बच्चों को इसमें जोड़ने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त कंपनी ने छह माह का प्रशिक्षण 30 बच्चों के लिए आयोजित किया है। इसके अलावा प्रभावित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास बनाने में कंपनी ने सीमेंट देने का भी प्रस्ताव रखा।

टाटा स्टील झरिया डिविजन के महाप्रबंधक संजय राजोरिया ने ऐसे बच्चों के 12वीं तक की पढ़ाई का खर्च वहन करने के अलावा स्कूल ड्रेस, किताब औ रुचि के अनुसार उनका कौशल विकास करने का वादा किया। उपायुक्त ने पदाधिकारियों से कहा कि ऐसे प्रभावित परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए सभी के पास रणनीति होनी चाहिए। किसी को विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, राशनकार्ड, राशन इत्यादि सहित अन्य सरकारी लाभ के लिए भटकना नहीं पड़े। ऐसे प्रभावित परिवारों को उनके दरवाजे तक जाकर सहायता हो तो यह बहुत बड़ा काम साबित होगा।

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