रेल का खेल... स्पेशल बोलकर जनता की जेब काटने पर Congress ने उठाए सवाल, ओरिजिनल ट्रेन नंबर के साथ चलाने की मांग

स्पेशल के नाम पर सभी ट्रेनों को चलाया जा रहा है। किराया भी बढ़ा दिया गया है। काम दूरी की यात्रा करने के लिए लोगों को एक बार ट्रेन में चढ़ते हुए सोचना पड़ रहा है। बेवजह आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 01:55 PM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 01:55 PM (IST)
रेल का खेल... स्पेशल बोलकर जनता की जेब काटने पर Congress ने उठाए सवाल, ओरिजिनल ट्रेन नंबर के साथ चलाने की मांग
हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस स्पेशल ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। रेल मंत्री जी, कब तक सभी ट्रेनों को स्पेशल बोलकर चलाएंगे और जनता की जेब काटते रहेंगे। कृपा कर ओरिजिनल ट्रेन नंबर के साथ जिस तरह से पहले ट्रेन चलती थी, उसी तरह चलाएं। वरिष्ठ नागरिकों को जो सुविधा मिलती थीं, उसे भी लागू करें। धनबाद के कांग्रेस जिला अध्यक्ष बृजेंद्र प्रसाद सिंह ने रेल मंत्री पीयूष गोयल और पीएमओ कार्यालय के साथ-साथ इंडियन नेशनल कांग्रेस और झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी को टैग करते हुए ट्वीट किया है। सिंह का कहना है कि स्पेशल बोलकर रेलवे लंबे समय से यात्रियों की जेब काट रही है। कोविड काल में वैसे ही ट्रेनें खाली जा रही हैं। ऐसे में स्पेशल ट्रेन का नाम देने का क्या मतलब है।

बेवजह आम आदमी पर बोझ ठीक नहीं

सिंह ने कहा है कि स्पेशल के नाम पर सभी ट्रेनों को चलाया जा रहा है। किराया भी बढ़ा दिया गया है। काम दूरी की यात्रा करने के लिए लोगों को एक बार ट्रेन में चढ़ते हुए सोचना पड़ रहा है। बेवजह आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है। किसी का भी इस ओर ध्यान नहीं है। इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाएं भी कोरोना के नाम पर छीन ली गई हैं। जब सरकार हर तरह की सुविधाएं ले रही है, मंत्री, सांसद और विधायक यात्राएं कर रहे हैं तो ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों से पक्षपात क्यों किया जा रहा है।

महंगाई पर भी केंद्र सरकार को घेरा

सिंह ने कहा है कि सिर्फ यही नहीं पेट्रोल डीजल के नाम पर भी आम जनता पर भी बेवजह आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। घरेलू गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्सिडी के नाम पर मात्र 37 रुपये खाते में आ रहा है। महंगाई चरम पर है, केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे है। यही महंगाई कांग्रेस के समय में होती तो तमाम भाजपाई सड़क पर उतरी नजर आते। अब कोई नहीं बोल रहा है। भाजपा के सांसद-विधायक भी चुप्पी साधे हुए हैं। इनका घर तो चल जा रहा है, चूल्हा तो गरीबों का बुझा है।

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