विभागीय समन्वय में कमी का फायदा उठा रहे कोयला तस्कर
धनबाद जिले में एक ही डीओ पर स्वीकृत भार क्षमता से अधिक का कोयला सहित अन्य मालों की ढ़ुलाई की जा रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय नहीं होना सबसे बड़ा कारण है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले में एक ही डीओ पर स्वीकृत भार क्षमता से अधिक का कोयला सहित अन्य मालों की ढ़ुलाई की जा रही है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय नहीं होना सबसे बड़ा कारण है। यह तल्ख सच्चाई को किसी राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता या फिर आरटीआई एक्टिविस्ट ने सामने नहीं लाई है। बल्कि यह धनबाद उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक के दौरान सामने आई है।
दरअसल जिला के विकास को लेकर उपायुक्त ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक रेलवे अधिकारियों और राज्य सरकार के उन विभिन्न विभागों के साथ की थी, जिनकी योजनाओं का क्रियान्वयन रेलवे से एनओसी नहीं मिलने से अटका हुआ था। इसी क्रम में खनन विभाग की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि रेलवे द्वारा किए जा रहे माल ढ़ुलाई में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है। खासकर कोयलांचल के खदानों से हो रहे कोयला सहित अन्य खनिजों की ढ़ुलाई में ऐसी शिकायत आम है कि एक ही डीओ (परिवहन परमिट) पर कई कई खेप खनिजों का परिवहन आसानी से अवैध कारोबारी कर रहे हैं। इसके लिए ना तो खनन विभाग के अधिकारियों ने कभी रेलवे अधिकारियों से बात की ना ही रेलवे ना जांच कर खनिजों की ढ़ुलाई करने की जहमत उठाई। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को हर साल लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इस बारे में पूछे जाने पर उपायुक्त ने माना कि ऐसा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि खनन एवं कोयला लोडिग से संबंधित मामलों पर चर्चा के क्रम में निर्णय लिया गया कि बिना चालान देखें कोयला लोडिग नहीं किया जाएगा। साथ ही रेलवे के गुड शेड से बिना चालान के कोयले का उठाव भी प्रतिबंधित किया जाएगा। बगैर ट्रांसपोर्ट चालान के 1 किलो कोयला भी सार्वजनिक रास्तों पर नहीं चलना चाहिए। अनियमितता पाए जाने पर झारखंड मिनरल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी एवं आवश्यकता पड़ने पर लोडिग रुकवाया जाएगा। रेलवे, खनन विभाग एवं यातायात विभाग की टीम द्वारा समन्वय स्थापित करने हेतु सेमिनार आयोजित करने का निर्णय लिया।