धनबाद कोल बोर्ड के सचिव व कोषाध्यक्ष निष्कासित

धनबाद कोल बोर्ड एम्प्लाइज को-ओपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के अध्यक्ष गणेश भुइयां ने रविवार को सोसाइटी के सचिव अरविद सिंह एवं कोषाध्यक्ष अर्जुन सिंह सहित सात लोगों को निष्कासित कर दिया। इन लोगों पर असंवैधानिक तरीके से कमीशन के आधार पर सदस्यों को 50 लाख रुपये भुगतान करने का आरोप था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:13 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:13 AM (IST)
धनबाद कोल बोर्ड के सचिव व कोषाध्यक्ष निष्कासित
धनबाद कोल बोर्ड के सचिव व कोषाध्यक्ष निष्कासित

संवाद सहयोगी, पुटकी : धनबाद कोल बोर्ड एम्प्लाइज को-ओपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के अध्यक्ष गणेश भुइयां ने रविवार को सोसाइटी के सचिव अरविद सिंह एवं कोषाध्यक्ष अर्जुन सिंह सहित सात लोगों को निष्कासित कर दिया। इन लोगों पर असंवैधानिक तरीके से कमीशन के आधार पर सदस्यों को 50 लाख रुपये भुगतान करने का आरोप था। इस संबंध में गणेश ने रविवार को अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस भी की। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने समिति को दरकिनार करते हुए करीब 50 लाख का भुगतान सदस्यों को बिना समिति के अनुमोदन व अध्यक्ष के हस्ताक्षर के कर दिया। उन्होने इसकी सूचना जिला सहकारिता पदाधिकारी को भी लिखित रूप में दे दी है। साथ ही इन पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पूर्व में शिकायत आई थी, जिसके बाद बैठक कर एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन लोगों को दोषी पाया था। साथ ही इनपर कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद ही समिति के सचिव अरविंद कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष अर्जुन कुमार सिंह, कृष्णा सिंह, नारायण महतो, देवव्रत मुखर्जी, गुलेरिया डुंगडुंग व बिना देवी को निष्कासित कर दिया। साथ ही अन्य सदस्यों की सहमति के बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी एवं एमडी को एक हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपकर बैरियर चेक के भुगतान पर रोक लगाने का आग्रह किया है। हस्ताक्षर करने वालों में अध्यक्ष गणेश भुइयां, इंदु कुमारी, उमेश कुमार, अब्बास मिया, फूल बाई, जैनब खातून, उपेंद्र नाथ सिंह, उकनी देवी, दलाली देवी, उषा देवी, पर्वतीया देवी, भूषण महतो, सुहागिन मझीआइन शामिल हैं। बिना सहमति बढ़ाई लोन की राशि

गणेश भुइयां ने बताया कि सोसाइटी के सदस्यों को जरूरत पड़ने पर लोन दिया जाता है। सोसाइटी के सचिव होने के नाते अरविद सिंह के पास कार्यालय व प्रशासनिक कागजात रहते थे। उन्होंने बिना कार्यसमिति में प्रस्ताव पास किए ही लोन की राशि तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी। साथ ही बिना अध्यक्ष की सहमति से ही भुगतान करना भी शुरू कर दिया। 15 सितंबर को जब एक बैंक खाते का स्टेटमेंट निकाला गया तो करीब 50 लाख रुपये के भुगतान होने की बात सामने आई। सोसाइटी का अन्य बैंकों में भी खाता है तो संभव है कि अन्य बैंकों से भी ऐसे ही भुगतान किया गया होगा। हम उन बैंकों से भी स्टेटमेंट निकाल कर राशि का मिलान कर रहे हैं।

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