Sawan 2021: कोरोना काल के बावजूद भोले शंकर के भक्तों का उत्साह कम नहीं, मंदिरों में लगे जयकारे

सावन महीने की पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखा। धनबाद के शिवालयों में सुबह-सुबह ही भक्त पहुंचने लगे। महिलाओं की संख्या ज्यादा थीं। कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार ने मंदिरों में पूजा पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद मंदिर खुले हैं। भक्त पूजा कर रहे हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:49 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 03:21 PM (IST)
Sawan 2021:  कोरोना काल के बावजूद भोले शंकर के भक्तों का उत्साह कम नहीं, मंदिरों में लगे जयकारे
सावन महीने के पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखा। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जासं, धनबादः सावन महीने के पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखा। कोरोना काल के बावजूद भक्तों ने मंदिरों में पहुंच भोले शंकर को जलाभिषेक किया। कोरोना को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए कई मंदिरों में बाहर से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई। पूजा-अर्चना के लिए विशेष तैयारी की गई। शिवालयों को सजाया गया। शहर के भुइफोड़ मंदिर, शक्ति मंदिर, सर्वेश्वरी मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर, त्रिमूर्ति मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों में सोमवारी को लेकर सादगी तरीके से सिर्फ नियम अनुसार बाहर से ही पूजा की जा रही है। कहीं रुद्राभिषेक तो कहीं जलाभिषेक के लिए बाहर से ही विशेष तैयारी की गई थी।

भक्त भी अपने-अपने ढंग से शिव को खुश करने में लगे हुए है। भुईफोड़ मंदिर में फलाहार प्रसाद मुख्य द्वार के बाहर से ही पुजारी लेकर भगवान शिव को चढ़ा रहे हैं। मंदिरों के बहार भक्तों की होने वाली भीड़ व कोरोना से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए गए थें। शहर के खंडेश्वरी मंदिर, मनईटांड़ पतराकुल्ही शिव मंदिर में भी पूजा की विशेष व्यवस्था की गई थी। भक्तों के लिए कहीं कहीं मंदिर के बहार बेलपत्र, आमपत्र व फूल का भी इंतजाम किया गया था। खास बात यह है कि इस साल कोरोना वायरस को देखते हुए। मंदिर के बहार से पूजा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से भी आग्रा किया गया था कि शारीरिक दूरी का पालन कर पूजा करें। 

कई श्रद्धालुओं ने की घरों में की पूजा

कुछ श्रद्धालुओं ने कोरोना की वजह से घर में ही शिव जी की पूजा विधि विधान से की। जलाभिषेक भी किए। बताया गया कि सोमवारी को शिवलिंग पर जलाभिषेक किए जाने से घर में सुख शांति आती है। तथा किसी भी प्रकार की होनी वाली परेशानी से दूर रखता है। कुंआरी कन्याओं खास कर जिनका विवाह किसी कारण नहीं हो रही है, उन्हें हर सोमवारी को भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करनी चाहिए। 

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