Covid-19: आप के अंदर छिपी बीमारी की जासूसी करने आ गया फेलू दा, हैरान करने वाली है इनकी ध्राण शक्ति
CSIR के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने बताया कि फेलू दा टेस्ट किट को इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने विकसित किया है। इसका नामकरण सत्यजीत की जासूसी फिल्म के चरित्र फेलू दा पर किया गया है।
धनबाद [ तापस बनर्जी ]। दिग्गज फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की रहस्य से भरपूर कहानियों के पात्र निजी जासूस फेलू दा जिस तरह अपराधी को तलाश लेते थे, उसी तरह हाल में विकसित आधुनिक किट आपमें छिपे जानलेवा कोरोना वायरस को ढूंढ़ निकालेगी। इसीलिए किट विकसित करने वाली विज्ञानी तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की शोध इकाई ने इसका नाम फेलू दा टेस्ट किट रखा है। यह बेहद कारगर है। पॉजिटिव रिजल्ट आने के बाद सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। इसे बाजार में उतारने को टाटा संस से करार भी हो चुका है।
जीन एडिटिंग तकनीक से काम करेगा यह जासूस
धनबाद आए सीएसआइआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने बताया कि फेलू दा टेस्ट किट को इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने विकसित किया है। इसका नामकरण सत्यजीत की जासूसी फिल्म के चरित्र फेलू दा पर किया गया है। इस किट में जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल हुआ है जो खास तरह के आनुवंशिक सीक्वेंस को पहचान लेती है। कागज आधारित यह जांच बेहद सस्ती भी है। कोरोना वायरस में रिबो न्यूक्लिक एसिड (आरएनए) होता है। यदि आरएनए इस किट के संपर्क में आता है तो किट में दो काली धारियां दिखाई देने लगती हैं। काली धारियां कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि करती हैं।
सौमित्र थे रुपहले पर्दे के पहले फेलू दा
वैसे तो फेलू दा का अभिनय कई अभिनेता कर चुके हैं, पर रुपहले पर्दे पर सबसे यह चरित्र दिग्गज कलाकार सौमित्र चटर्जी ने निभाया था। वर्ष 1974 में सत्यजीत की फिल्म सोनार केल्ला में सौमित्र ने फेलू दा का अभिनय कर अमिट छाप छोड़ी थी। पिछले साल 15 नवंबर को कोरोना ने सौमित्र की जान ले ली थी। 1935 में जन्मे सौमित्र का 19 जनवरी को जन्मदिन भी है। 19 साल पहले वे धनबाद आए थे।