गर्मी बढ़ी तो मुंह में घुलने लगा इस फल का स्वाद, सिर दर्द से लेकर पेट की गैस तक दूर करने में कारगर
इस तपती गर्मी में एक फल है जिसका मीठा स्वाद मौसम की बेरहमी पर भारी पड़ रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सिर दर्द सीने और गले में जलन पेट की गैस दस्त और मूत्र रोग मेंं भी इस फल का सेवन कारगर है।
जासं, धनबादः धनबाद में चिलचिलाती धूप बता रही है आनेवाले दिनों में मौसम का हाल क्या होगा। हालांकि इस तपती गर्मी में एक फल है, जिसका मीठा स्वाद मौसम की बेरहमी पर भारी पड़ रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सिर दर्द, सीने और गले में जलन, पेट की गैस, दस्त और मूत्र रोग मेंं भी इस फल का सेवन कारगर है।
मौसम में गर्मी का असर अब बढ़ने लग गया है। गर्मी के बढ़ते असर की वजह से गर्मी से राहत देने के लिए शहर में अन्य फलों के साथ खरबूज की भी मांग बढ़ गई है। बताया जाता है कि धनबाद में बेंगलुरु से इसकी आपूर्ति की जाती है। बरअवाड्डा स्थित कृषि बाजार से यह फिर जिले भर के दुकानदारों के पास पहुंचता है।
खरबूज अपनी मिठास एवं स्वाद के लिए जाना जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है। वहीं खरबूज के बीजों में 40-50 प्रतिशत तेल पाया जाता है।
सुबह से ही सज जाती है खरबूज की दुकानें: शहर के पुलिस लाइन में अपनी दुकान लगाने वाले दुकानदार मुन्ना साव ने बताया कि इन दिनों बढ़ती गर्मी को देखते हुए अन्य फलों के साथ खरबूज की बिक्री बढ़ गई है। प्रतिदिन यहां इस वक्त तकरीबन एक सौ बीस से डेढ़ सौ खरबूज बेचे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रति पीस की कीमत 80 रुपये है। सुबह से दोपहर तक खरबूज की बिक्री अधिक रहती है। उसके बाद शाम से रात तक लोग खरीद कर अगले दिन खाने के लिए घर ले जाते हैं। बताया जाता है कि इस फल में पानी की मात्रा 90 फीसद से अधिक होती है, जिसके कारण गर्मी में कड़ाके की धूप में शरीर में पानी की जरूरतों को पूरा करने में यह अहम भूमिका निभाता है।
पारा चढ़ते ही खरबूज की दुकानों की संख्या भी बढ़ीः जिले में गर्मी के कारण पारा चढ़ते ही खरबूज की मांग बढ़ गई है। शहर के पुलिस लाइन, पुराना बाजार, सरायढेला व धैया आदि इलाकों में इसकी खूब बिक्री हो रही है। खरबूज की बढ़ी मांग के कारण कई लोग दूसरे धंधे को छोड़ अब इसकी दुकान लगा रहे हैं।