JPSC: सातवीं से दसवीं तक परीक्षा रद हो, घोटाले की सीबीआइ करे जांच

छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो एवं प्रवीण चौधरी ने कहा कि पीटी परीक्षाफल में महाघोटाला हुआ है। सेटिंग गेटिंग से फेल छात्रों को पास करा दिया गया। लोहरदगा के क्रमवार उत्तीर्ण होने वाले सेंटर का मामला इसका उदाहरण है।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:00 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:00 AM (IST)
JPSC: सातवीं से दसवीं तक परीक्षा रद हो, घोटाले की सीबीआइ करे जांच
जेपीएससी परीक्षा रद करने की मांग ने पकड़ी जोर ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षाफल में घोटाले का आरोप लगाते हुए धनबाद समेत राज्य के सभी अभ्यर्थियों में व्यापक स्तर पर रोष है। पिछले दिनों तो रांची में इनपर लाठियां भी बरसीं। एक बार फिर से अभ्यर्थी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो एवं प्रवीण चौधरी ने कहा कि पीटी परीक्षाफल में महाघोटाला हुआ है। सेटिंग गेटिंग से फेल छात्रों को पास करा दिया गया। लोहरदगा के क्रमवार उत्तीर्ण होने वाले सेंटर का मामला इसका उदाहरण है। कम नंबर लाने वाले छात्र को पास कर दिया गया है। यह एक उदाहरण मात्र है। ऐसी अनेक गड़बड़ियां हैं। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए क्षैतिज आरक्षण, आदिम जनजाति आरक्षण का पालन नहीं किया है। सैनिक कोटा, महिला कोटा का आरक्षण भी नहीं दिया गया। तीन-तीन सेंटर में क्रमवार पास हैं। इसी कारण उच्च कटआफ गया।

एक नवंबर से लगातार आंदोलन जारी है। सातवीं से दसवीं जेपीएससी पीटी परीक्षा रद करने की मांग को लेकर झारखंड के छात्र अपनी जायज मांग को लेकर संवैधानिक तरीके से जेपीएससी मुख्यालय का घेराव के माध्यम से अपना हक अधिकार का मांग कर रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर छात्रों की जायज मांग को समर्थन करनेवालों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। यह देश संविधान और कानून से चलता है। किसी को भी कानून हाथ में लेकर तानाशाही रवैया अपनाने का अधिकार नहीं है। रोष जताने वालों में मनोज यादव, सफी इमाम, कहकशां कमाल, प्रवीण कुमार चौधरी, कुणाल कुमार, दीपक कुमार, परवेज आलम, पवन कुमार, गुलाम हुसैन, विनय कुमार, कुणाल प्रताप सिंह, अरुण अग्रवाल, संजय कुमार मेहता शामिल हैं।

जेपीएससी अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें

- सातवीं से दसवीं जेपीएससी परीक्षा रद हो।

- जेपीएससी घोटाले की सीबीआइ जांच कराई जाए।

- जेपीएससी से भंग कर परीक्षा यूपीएससी से आयोजित कराई जाए।

- परीक्षा नियंत्रक और अध्यक्ष अविलंब बर्खास्त हों।

- छात्रों पर किया गया फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए।

- झारखंडी सरकार झारखंडी छात्रों के साथ न्याय करे।

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