Dhanbad BJP OBC Morcha: पंचायतों में जनाधार बढ़ाने पर भाजपा का जोर, सांसद पीएन सिंह ने दिया संगठनात्मक मंत्र
धनबाद जिला ग्रामीण भाजपा ओबीसी मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को सांसद पीएन सिंह से मिला। सिंह ने पंचायत स्तर पर संगठन खड़ा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा है कि वह पंचायतों में आयोजित होने वाले हर कार्यक्रम में भाग लेंगे।
गोविंदपुर, जेएनएन। धनबाद जिले में भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है। धनबाद संसदीय क्षेत्र में साल 2004 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर साल 1991 से ही भाजपा का कब्जा है। धनबाद संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले कई विधानसभा क्षेत्रों में भी कब्जा का पताका लहरा रहा है। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का संगठन कमजोर और लचर है। झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्त संगठन खड़ा करने पर जोर दिया है। उन्होंने संगठन की मजबूती के लिए धनबाद ग्रामीण जिला भाजपा ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारियों को संगठनात्मक मंत्र दिया है।
सांसद से मिला ओबीसी मोर्चा प्रतिनिधिमंडल
धनबाद जिला ग्रामीण भाजपा ओबीसी मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को सांसद पीएन सिंह से मिला। इस दाैरान सांसद ने प्रतिनिधिमंडल के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने पर विचार-विमर्श किया। साथ उन्होंने ग्रामीण जिला में सांगठनिक गतिविधियों की जानकारी ली । सांसद पीएन सिंह ने कहा कि ग्रामीण जिला भाजपा पिछड़ी जाति मोर्चा की कमेटी संतुलित है। इसमें सभी क्षेत्रों और वर्गों को प्रतिनिधित्व मिला है। उन्होंने मोर्चा के जिला अध्यक्ष महादेव कुंभकार एवं महामंत्री राजेश दास को गांव-गांव में संगठन मजबूत बनाने का निर्देश दिया। ओबीसी मोर्चा का संगठन पंचायत स्तर पर खड़ा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोर्चा के होने वाले कार्यक्रम में वह भी भाग लेंगे।
ग्रामीण जिलाध्यक्ष से मिला प्रतिनिधिमंडल
इसके पूर्व प्रतिनिधि मंडल ने जिला अध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा से मुलाकात की और ओबीसी मोर्चा संगठन की विभिन्न गतिविधियों से उन्हें अवगत कराया। जिला अध्यक्ष ने भी संगठन मजबूती का निर्देश दिया। जिला प्रभारी रीता प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण संगठन को मजबूत बनाने में ओबीसी मोर्चा के सदा इस सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में जिला उपाध्यक्ष तालेश्वर साव, विश्वनाथ पाल, विजय रवानी, बिपिन बिहारी मंडल, गणेश दा, माथुर कुंभकार शंकर दा राजू मंडल आदि शामिल थे।