कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर आतंकी हमले के बाद लौट रहे मैथन के मजदूर की मौत
कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर बढ़े हमले के बाद वहां रोजी रोजगार के लिए गए मजदूर अब लौट रहे हैं। लौटने के क्रम में ही मैथन के मजदूर की मौत हो गई।
जासं, मैथन/पंचेत : कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर बढ़े हमले के बाद वहां रोजी रोजगार के लिए गए बिहार, बंगाल समेत झारखंड के मजदूर पलायन कर रहे हैं। मैथन के आमकुड़ा गांव निवासी 45 वर्षीय संजीत बाउरी भी जम्मू कश्मीर रोजगार की तलाश में मजदूरी करने गया था। लेकिन वहां गैर कश्मीरियों पर बढ़े आतंकी हमले के बाद घर लौट रहे संजीत बाउरी को क्या पता था कि यह उसका आखरी सफर होगा। कश्मीर से लौटते वक्त उसकी चंडीगढ़ में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार आमकुड़ा निवासी पानू बाउरी का पुत्र संजीत बाउरी ठेकेदार के माध्यम से कश्मीर कार्य करने गया था, लेकिन हाल में वहां आतंकवादियों द्वारा गैर कश्मीरियों पर हमले के बाद ठेकेदार मजदूरों को वापस लेकर लौटने लगा। 50 से 60 की संख्या में झारखंड और पश्चिम बंगाल के मजदूर श्री नगर से 10 अक्टूबर को सुबह दस बजे चंडीगढ़ पहुंचे। सभी की ट्रेन वहां से एक बजे रात थी। रात में वहां से ट्रेन पकड़ कर मजदूर अपने-अपने घर आ गए। लेकिन संजीत लापता रह गया। 11 अक्टूबर को जीआरपी ने उसका शव रेलवे ट्रेक से बरामद किया। इस बीच संजीत के घर नहीं पहुंचने से यहां उसके स्वजनों की चिता बढ़ गई। यहां उन्होंने अपने रिश्तेदार डूमरकुंडा दक्षिण पंचायत के वार्ड सदस्य पोरेश बाउरी को दी। पोरेश बाउरी संजीत के स्वजन और डूमरकुंडा दक्षिण पंचायत के मुखिया अजय पासवान के साथ मैथन ओपी गए। इन्होंने पुलिस से संजीत के खोजबीन की गुहार लगाई। पुलिस ने स्वजनों को चंडीगढ़ जाने का सुझाव दिया। इसके बाद स्वजन वहां गए तो पता चला कि संजीत की मौत 11 अक्टूबर को ही हो गई है। चंडीगढ़ जीआरपी ने प्रमाण नहीं रहने के कारण 15 अक्टूबर को शव जला दिया था। जीआरपी ने स्वजनों को बताया कि शव के पहचान की काफी कोशिश की गई। कोई पहचान नहीं होने पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। यह जान स्वजनों के होश उड़ गए। रो-रोकर बुरा हाल हो गया । स्वजन वहां से वापस धनबाद लौट रहे हैं।