बैंक गारंटी पर फंसा दहीबाड़ी मेगा बी पैच आउटसोर्सिंग का मामला

संवाद सहयोगी पंचेत बीसीसीएल सीवी एरिया अंतर्गत दहीबाड़ी में प्रस्तावित 550 करोड़ के मेगा बी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:32 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:32 PM (IST)
बैंक गारंटी पर फंसा दहीबाड़ी मेगा बी पैच आउटसोर्सिंग का मामला
बैंक गारंटी पर फंसा दहीबाड़ी मेगा बी पैच आउटसोर्सिंग का मामला

संवाद सहयोगी, पंचेत : बीसीसीएल सीवी एरिया अंतर्गत दहीबाड़ी में प्रस्तावित 550 करोड़ के मेगा बी पैच आउटसोर्सिंग का मामला फंसता दिख रहा है। संविदा नियमों के अनुसार निविदा प्राप्त करनेवाली कंपनी को बैंक गारंटी जमा करनी है, लेकिन कंपनी द्वारा और समय की मांग किए जाने पर स्थानीय प्रबंधन ने कोल इंडिया से मंतव्य मांगा है। यदि निविदा शर्तों के तहत स्वीकृति मिली तो ठीक, नहीं तो निविदा रद होने का भी खतरा है। बीसीसीएल ने सीवी एरिया के दहीबाड़ी में बी पैच आउटसोर्सिंग के लिए निविदा निकाली थी। हनुमंत कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने 449 करोड़ और राम अवतार ईआइपीएलजेवी ने 460 करोड़ की निविदा डाली थी। एल वन के आधार पर हनुमंत कंस्ट्रक्शन को लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस जारी किया गया। नियमानुसार 28 दिनों के अंदर बैंक गारंटी जमा करानी पड़ती है, लेकिन कंपनी ने बैंक गारंटी देने के बजाय लॉकडाउन का कारण बता 28 दिनों के पूर्व ही स्थानीय प्रबंधन को पत्र लिख कर दो माह का समय मांगा। स्वीकृति के लिए स्थानीय प्रबंधन ने कोल इंडिया मुख्यालय को पत्र भेजा है। इसके कारण बी पैच का मामला बैंक गारंटी के मुद्दे पर लटक गया है। संविदा शर्तों के अनुरूप बैंक गारंटी का समय बढ़ाया जा सकता है या नहीं यह मुख्यालय प्रबंधन को तय करना है। सीवी एरिया के महाप्रबंधक एमएस दूत का कहना है कि एक माह पूर्व स्वीकृति का पत्र कोल इंडिया को लिखा गया है, लेकिन जवाब अभी तक नहीं आया है। इसके कारण परियोजना को लेकर संशय बना हुआ है। मंतव्य का अब इंतजार हो रहा है।

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