Maha Shivratri 2020: पांच लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ को किया जलाभिषेक, बाबा मंदिर पर हो रही पुष्प वर्षा
बैद्यनाथ के मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी है। पूरे देवघर में मेला-सा नजारा है। हर-हर महावेद के नारे से बाबा मंदिर और बाबा मंदिर जाने वाले तमाम रास्ते गूंजायमान हैं।
देवघर, जेएनएन। महाशिवरात्रि- 2020 को लेकर बाबाधाम यानी देवघर में भक्तों की भारी भीड़ है। यहां बाब बैद्यनाथ का मंदिर है। इस प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग के जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए न सिर्फ झारखंड बल्कि राज्य के बाहर से भी लोग जुटे हैं। पूरे देवघर में मेला-सा नजारा है। हर-हर महावेद के नारे से बाबा मंदिर और बाबा मंदिर जाने वाले तमाम रास्ते गूंजायमान हैं। देवघर जिला प्रशासन भी महाशिवरात्रि मना रहा है। बाबा मंदिर और यहां आने वाले भक्तों पर ग्लाइडर से पुष्प वर्षा की जा रही है।
बाबा मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। बाबा मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। देवघर और देवघर के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसे देखते हुए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। उपायुक्त नैंसी सहाय और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र कुमार सिंह मंदिर परिसर समेत तमाम रास्तों पर खुद नजर रख रहे हैं।
रात में निकलेगी बाबा की बरात
देवघर में शिव बरात की धूम रहती है। इस साल भी पूरी तैयारी की है। यहां अनूठे अंदाज में बरात निकलती है। महाशिवरात्रि के माैके पर लाखों श्रद्धालु यहां आकर बाबा बैद्यनाथ को जलाभिषेक करते हैं।
शाम तक देवघर में बाबा बैद्यनाथ को पांच लाख से अधिक भक्तों ने जलाभिषेक किया। हर-हर महादेव व ओम नम: शिवाय के उदघोष से बाबा नगरी गूंजता रहा। दिन में हवाई जहाज द्वारा बाबा मंदिर के उपर पुष्प वर्षा की गई। ये जहाज जमशेदपुर से यहां आई थी। जहाज ने पुष्प वर्षा करते हुए बाबा मंदिर के ऊपर कई चक्कर लगाए। इस देखकर मंदिर व आसपास के इलाके में मौजूद हर किसी की निगाह आसमान की ओर उठ गई। रात से ही लोग कतार में लगने लगे थे और सुबह तीन बजे ये कतार पांच किमी लंबी हो गई थी। सुबह होते-होते ये कतार कतार बीएड कॉलेज तक पहुंच चुकी थी। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही पुख्ता इंतजाम कर लिया था। सभी जगहों पर पुलिस कर्मी पूरी रात मुस्तैद नजर आए इसका परिणाम था कि शहर के अंदर काफी कम वाहन नजर आए और सड़क पर आवाजाही में खास परेशानी नहीं हुई। वाहनों को रोक दिए जाने के कारण लोगों को पैदल ही बाबा मंदिर पहुंचना पड़ा।