Weekly News Roundup Dhanbad: हर जेल में फोन-अंतरजाल, यहीं से हो रहा सारा खेल

जोगता थानेदार पंकज वर्मा। सिजुवा के मोदी बालिका उच्च विद्यालय में कक्षा दशम में पंकज वर्मा गणित के द्विघात समीकरण का फार्मूला समझा रहे थे। लगातार दो घंटे की क्लास के दौरान एक भी विद्यार्थी को न प्यास लगी न किसी ने शौचालय जाने की जिद की।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 08:38 AM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 08:38 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: हर जेल में फोन-अंतरजाल, यहीं से हो रहा सारा खेल
धनबाद जेल के अंदर से अपराधी व्यवसासियों को फोन कर धमकाते हैं ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। झारखंड की जेलों में सुरंग झारखंड उच्च न्यायालय तक पहुंच चुकी है। लालू प्रसाद यादव को विशेष सुविधा दिए जाने के मसले पर न्यायाधीश के सवाल जवाब पर सरकार हलकान है। लालू यादव तो बड़ी हस्ती हैं। यहां सुजीत सिन्हा, अमन सिंह जैसे अपराधियों ने जेल में ऐसी सुरंग बना ली है कि कई जिलों की पुलिस को ठंड में पसीने बहाने पड़ रहे हैं। अलकायदा की तरह कभी वीडियो जारी कर खुलेआम रंगदारी मांगी जा रही है तो कभी टेलीफोन पर सीधे धमकाया जा रहा है। पेट्रोल पंप संचालक, बीसीसीएल अधिकारियों, कोयला खदान में काम करनेवाली संवेदक कंपनियों के मालिकों को धमकी मिल चुकी है। ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने चुपचाप गुलाबी कागज देना शुरू कर दिया है। पुलिस कप्तान असीम विक्रांत जेल के भीतर एवं बाहरवालों की घेराबंदी की जुगत में हैं। पुलिस मुख्यालय के भी कान खड़े हैं। जेल आइजी कृपया ध्यान दें। 

मुर्गा लड़ाई पर चढ़ाई

झारखंड का बड़ा त्योहार टुसू। मकर संक्रांति में शुभारंभ तो गणतंत्र दिवस तक समापन। नदी, तालाब, झील, नाला, जहां भी पानी दिखा वहां टुसू मेला। पहले झारखंड का अधिकतर हिस्सा जंगल था। मनोरंजन के लिए मुर्गा लड़ाई का खेल परंपरा बन गई है। लड़ाई में मुर्गा के पांव में चाकू जैसा छोटा हथियार कांती बांधा जाता है। लड़ाकू बनाने के लिए बाकायदा प्रशिक्षण दिया जाता है। हल्दी युक्त पानी से नहलाने के बाद अंधकार में मुर्गा को रखा जाता है ताकि उजाला दिखे तो मारक हो जाय। मुर्गा पाड़ा में लगता है दांव। हौसला अफजाई के लिए नारा भी गूंजता है, 'लाल लाल कुडिय़ा कुडिय़ा।Ó मुर्गा की जीत पर हजारों का जुआ होता है। बाघमारा डीएसपी निशा मुर्मू जनजातीय समाज से हैं। मुर्गा लड़ाई का नफा-नुकसान बखूबी जानती हैं। फरमान सुनाया, 'जो कराएगा मुर्गा लड़ाई, उस पर होगी पुलिस की चढ़ाई।Ó सावधान। पाड़ू बना दिया जाएगा। 

 

रिवाल्वर भीतर, कलम बाहर

जोगता थानेदार पंकज वर्मा। सिजुवा के मोदी बालिका उच्च विद्यालय में कक्षा दशम में पंकज वर्मा गणित के द्विघात समीकरण का फार्मूला समझा रहे थे। लगातार दो घंटे की क्लास के दौरान एक भी विद्यार्थी को न प्यास लगी, न किसी ने शौचालय जाने की जिद की। गणितीय फार्मूला समझाने के बाद उन्होंने कुछ विद्यार्थियों को सवाल दिए तो उत्तर झट से तैयार। प्रधानाध्यापक सतीश सिंह के साथ बाकी शिक्षक भौंचक। प्रधानाध्यापक के साथ शिक्षक की जिज्ञासा भी बढ़ गई। थानेदार से पूछ बैठे कि रिवाल्वर वाले हाथ कलम चलाने में भी कैसे इतने उस्ताद? थानेदार पंकज फ्लैशबैक में चले गए। कोडरमा से पढऩे के लिए हजारीबाग गए। संत कोलंबस से बीएससी की तो विनोबा भावे विश्वविद्यालय से एमएससी। तुरंत नौकरी नहीं मिली तो ट्यूशन में लग गए। सो, वर्तमान में मौका मिलता है तो रिवाल्वर भीतर रख पढ़ाने के लिए कलम पकड़ लेते हैं। आमीन। 

मम्मी, शादी में नहीं जाना

हीरापुर की श्रीधरा के ममेरे भाई की मई में बनारस में शादी है। मामा का आकलन था कि अप्रैल तक माध्यमिक परीक्षा हो जाएगी तो भांजी समेत सारे लोग आएंगे। कोरोना के कारण नौ महीने तक कक्षाएं नहीं हो सकी हैं। अभी भी कुछ विद्यार्थी स्कूल जा रहे हैं तो अधिकतर ऑनलाइन पढ़ रहे। सो, सीबीएससी बोर्ड ने व्यापक दृष्टिकोण से आकलन के बाद मई में माध्यमिक परीक्षा लेने का एलान कर दिया। इस घोषणा के बाद अब परिवार के लोगों के चेहरे उतर गए हैं, श्रीधरा के भी। डीएवी की छात्रा ने भाई की शादी के लिए खूब ख्वाब बुने थे। हल्दी, मेहंदी, नृत्य से लेकर बरात के लिए क्या कपड़े पहनने हैं, तय कर लिया था। मौसी, नानी, छोटे मामा, मामी को कई बार कॉल भी किया था। लेकिन, परीक्षा ज्यादा अहम है। अब बोल रही है, मम्मी शादी में मुझे नहीं जाना।  

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