शहर के सभी श्मशान घाटों में दोगुना पहुंच रहे शव, हर घाट पर रोजाना जल रहे चार से ज्यादा शव

कोरोना की दूसरी लहर में जिले में कोरोना से होनेवाली मौत और अन्य कारणों से हुई मौत की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। शहर सहित आसपास के इलाकों के श्मसान घाटों में बीते 15 दिनों में आने वाले शवों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पहले जहां अधिकतर श्मशान घाटों पर औसतन एक या दो शव पहुंचते थे। वहीं अब यह संख्या तीन से चार हो गई। जिले के छह श्मशान घाटो में पिछले 15 दिनों में 267 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:15 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:15 AM (IST)
शहर के सभी श्मशान घाटों में दोगुना पहुंच रहे शव, हर घाट पर रोजाना जल रहे चार से ज्यादा शव
शहर के सभी श्मशान घाटों में दोगुना पहुंच रहे शव, हर घाट पर रोजाना जल रहे चार से ज्यादा शव

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोरोना की दूसरी लहर में जिले में कोरोना से होनेवाली मौत और अन्य कारणों से हुई मौत की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। शहर सहित आसपास के इलाकों के श्मसान घाटों में बीते 15 दिनों में आने वाले शवों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पहले जहां अधिकतर श्मशान घाटों पर औसतन एक या दो शव पहुंचते थे। वहीं अब यह संख्या तीन से चार हो गई। जिले के छह श्मशान घाटो में पिछले 15 दिनों में 267 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। यानी रोजना 17 लोगों का दाह संस्कार हो रहा है। वह भी तब जब अधिकतर कोरोना संक्रमित मरीजों का दाह संस्कार जिला प्रशासन द्वारा बलियापुर में किया जा रहा है।

शहर के मटकुरिया श्मसान घाट की बात करें तो यहां पर इन दिनों काफी संख्या में शव पहुंच रहे हैं। हालांकि यहां व्यवस्था ठीक होने के कारण शवों के दाह संस्कार में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। एक अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल तक यहां 53 शवों का दाह संस्कार किया गया है। जबकि मार्च महीने में औसतन यहां दो शव ही पहुंचते थे। यानी मार्च में 60 शवों का यहां दाह संस्कार किया गया। पिछले माह से तुलना करें तो मात्र 15 दिनों में ही 88 फीसद शवों का यहां दाह संस्कार किया जा चुका है। मटकुरिया में आठ से लेकर 13 अप्रैल तक 24 शव पहुंचे थे। जबकि एक से लेकर आठ अप्रैल तक 30 शवों का यहां दाह संस्कार किया गया। प्रतिदिन यहां औसतन चार शवों का दाह संस्कार हो रहा है। 65 साल से अधिक उम्र वालों की संख्या ज्यादा : श्मसान कर्मचारियों ने बताया कि जो शव यहां आये थे, उनमें 65 साल से अधिक उम्र वालों की संख्या अधिक थी। बहुत कम ही ऐसे शव आए, जिनकी उम्र 50 साल से भी कम थी।

चिरकुंडा और कल्याणेश्वरी घाट में हर दिन पहुंच रहे दो शव

संस, चिरकुंडा/मैथन : चिरकुंडा स्थित बराकर नदी श्मशान घाट और मैथन स्थित कल्याणेश्वरी श्मशान घाट में हालांकि कम शव पहुंच रहे हैं। यहां हर दिन औसतन दो शव ही पहुंच रहे हैं। बराकर नदी स्थित श्मशान घाट में जहां 15 अप्रैल तक 25 तो कल्याणेश्वरी घाट में 29 शव जलाए जा चुके हैं। दूसरी तरफ निरसा के खुदिया नदी श्मशान घाट पर भी पिछले पंद्रह दिनों में 24 के आसपास दाह संस्कार किए गए हैं। पहले इन जगहों पर किसी किसी दिन एक भी शव नहीं पहुंचते थे, लेकिन अब रोजाना शव पहुंच रहे हैं।

गोविंदपुर खुदिया श्मशान घाट में पिछले सात दिनों से रोज आ रहे सात शव

संस, गोविंदपुर : गोविंदपुर स्थित खुदिया नदी श्मशान घाट में भी आने वाले शवों की संख्या बढ़ गई है। अप्रैल माह के 15 दिनों में 62 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। अप्रैल के पहले सप्ताह में जहां यहां औसतन हर दिन दो शव आ रहे थे। वहीं दूसरे सप्ताह में रोजाना सात शव आने लगे। गोविदपुर पूर्वी ग्राम पंचायत के मुखिया नीलू मुखर्जी ने बताया कि यहां पर कोरोना संक्रमितों के शवों का भी अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। रात में मृत मरीजों स्वजन चोरी-चुपके आकर उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इसके लिए यहां तैनात कर्मी मनमाना पैसा भी वसूल रहे हैं। जिससे यहां भी संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। मोहलबनी घाट में हर दिन पांच शवो का अंतिम संस्कार

संस, चासनाला : झरिया कोयलांचल के मोहलबनी दामोदर नदी तट पर स्थित मुक्तिधाम की स्थिति भी विकट है। यहां मार्च की तुलना में इस माह अधिक शव पहुंच रहे हैं। मुक्तिधाम में कार्यरत धनबाद नगर निगम के सुपरवाइजर बचन पासवान ने कहा कि मार्च माह में 35 शव मुक्तिधाम में दाह संस्कार के लिए लाए गए थे। वहीं 15 अप्रैल तक 73 शव दाह संस्कार के लिए मुक्तिधाम में लाए गए। इनमें से कई शव कोरोना मरीजों के भी है। जिनका गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वहीं रात में चुपके से भी कई शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वहां तैनात कर्मी ने बताया कि दाह संस्कार करने वाले किसी प्रकार का मेडिकल प्रमाण पत्र नहीं दिखा रहे हैं। कर्मी की कमी के कारण रात में दाह संस्कार होनेवाले शवों की इंट्री नहीं हो पा रही है। किस श्मशान घाट में कितने जले शव एक से 15 अप्रैल तक

मटकुरिया - 54

बराकर नदी - 25

कल्याणेश्वरी - 29

खुदिया, निरसा - 24

खुदिया गोविंदपुर - 62

मोहलबनी घाट - 73

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