लेबर कोड व कृषि कानून के खिलाफ मासस ने मनाया विरोध दिवस Dhanbad News

मजदूरों का 44 श्रम कानून को समाप्त कर 4 लेबर कोड में परिवर्तन करना तथा दिल्ली में कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को नजर अंदाज करना और देश की 52 प्रतिशत से ज्यादा की आबादी के ओबीसी समाज को जीवन के हर क्षेत्र में हाशिए पर धकेलना है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 03:33 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 03:33 PM (IST)
लेबर कोड व कृषि कानून के खिलाफ मासस ने मनाया विरोध दिवस Dhanbad News
किसान एवं सामाजिक कार्यकर्ताओ पर लगातार हमला कर रही है। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद: राज्यव्यापी विरोध दिवस के मौके पर मार्क्सवादी समन्वय समिति व बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने रणधीर वर्मा चौक पर केन्द्र सरकार के मजदूर एवं किसान विरोधी नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मासस जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने कहा कि आज केन्द्र की मोदी सरकार मजदूर, किसान एवं सामाजिक कार्यकर्ताओ पर लगातार हमला कर रही है। जिसका उदहारण फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत होना, मजदूरों का 44 श्रम कानून को समाप्त कर 4 लेबर कोड में परिवर्तन करना तथा दिल्ली में कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को नजर अंदाज करना और देश की 52 प्रतिशत से ज्यादा की आबादी के ओबीसी समाज को जीवन के हर क्षेत्र में हाशिए पर धकेलना है। मोदी सरकार ने पिछले 4 साल में 11 हजार से अधिक ओबीसी वर्ग के बच्चों को डॉक्टर बनने से वंचित कर दिया। यह केन्द्र सरकार की तानाशाही नीति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार तमाम सार्वजनिक उद्योग कॉरपोरेट घरानों के हाथों में देने की नीति पर चल रही है। यह सरकार कॉरपोरेट घरानों की सरकार है जो मजदूर, किसान तथा आम लोगो की चिंता जैसे महंगाई, बेरोजगारी भ्रष्टाचार को समाप्त करने के बजाय मजदूर किसानों तथा आम जनता को तबाह करने में लगी है। अपने आप को विश्वगुरु कहने वाली भाजपा आज जनता के कठघरे में खुद खड़ी है हमारी मांग है कि-

1. तीनो कृषि कानून को समाप्त कर किसानों का कर्ज माफ कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को क़ानूनी रूप दिया जाये।

2. स्टेन स्वामी के मौत की न्यायिक जांच किया जाये।

3. आंदोलनकारी किसान, सामाजिक कार्यकर्ताओ पर से झुठा मुक़दमा वापस लिया जाये।

4. महंगाई, बेरोजगारी भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर आम जनता के दमन को बन्द किया जाये।

5. आरक्षण के प्रावधानों का उल्लंघन करना बंद करे। इन तमाम मांगों पर सरकार अगर ध्यान नहीं देगी तो मासस आंदोलन की ओर अग्रसर होगी।

धरना प्रदर्शन में भूषण महतो, विवेक कुमार, राणा चटराज, रवि शंकर सिंह, नन्दलाल महतो, अखिलेश महतो, कुलवंत सिंह बिनोद कुमार, रविन्द्र सिंह, सुभाष मुर्मू, राम प्रसाद बेलदार, दिलीप महतो, रतन घोष, सत्यविजय प्रसाद , भीखन बैठा, बसंत तुरी, गोपी महतो, रोहित महतो, धरम बाउरी, राम प्रसाद बेलदार, तुनु गुप्ता, एके राय आदि थे।

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