Dhanbad Politics: मासस ने भाजपा से पूछा, सिर्फ झारखंड के किसान से ही हमदर्दी क्यों ?

मार्क्सवादी समन्वय समिति ने भाजपा के आदोलन को दिखावा कहा है। जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने कहा कि झारखण्ड में भाजपा की ओर से किसानों के प्रति हमदर्दी एवं हक़ दिलाने के लिए शुक्रवार को किये गए आंदोलन का स्वागत किया जाना चाहिए।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 01:26 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 01:26 PM (IST)
Dhanbad Politics:  मासस ने भाजपा से पूछा, सिर्फ झारखंड के किसान से ही हमदर्दी क्यों ?
मार्क्सवादी समन्वय समिति ने भाजपा के आदोलन को दिखावा कहा है। (फाइल फोटो)

धनबाद, जेएनएन: मार्क्सवादी समन्वय समिति ने भाजपा के आदोलन को दिखावा कहा है। जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने कहा कि झारखण्ड में भाजपा की ओर से किसानों के प्रति हमदर्दी एवं हक़ दिलाने के लिए शुक्रवार को किये गए आंदोलन का स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन यह हमदर्दी सिर्फ झारखण्ड में ही क्यों।

दिल्ली में करीब 6 माह से ऊपर चलने वाले किसानों के धरना तथा आंदोलन के प्रति बेरुखी क्यो।

वह भी तो किसान है। देश के अन्नादाता है। उनकी सुध भाजपा क्यों नहीं लेती। आखिर झारखण्ड में किसानों से इतना लगाव एवं हमदर्दी अचानक इतना प्यार कियो उमड़ पड़ा? जबकि सचाई यह है कि केंद्र की भाजपानीत सरकार किसानों के प्रति कम कॉरपोरेट घरानों को ज्यादा मुनाफा देने के प्रति ज्यादा हमदर्दी दिखा रही है।

ऐसा नहीं तो क्या कारण है कि दिल्ली में धरनारत किसानों से वार्ता कर समस्या का समाधान सरकार नहीं कर रही है। सही मायने में अगर भाजपा को किसानों के हितो का ख्याल ज्यादा सता रही है तो दिल्ली में बैठे खुले आसमान के नीचे किसानों के समर्थन में पूरे झारखण्ड में आंदोलन करे। सभी किसान एवं आम जनता का समर्थन प्राप्त होगा।

झारखण्ड में किसान आंदोलन को आदोलन और दिल्ली में चल रहा किसानों के आंदोलन को आतंकवादी, खालिस्तानी, नक्सली, टुकड़े टुकड़े गैंग बताकर वार्ता ना करना भाजपा का असली चरित्र सामने लाया है। खेतो में बैठ कर फोटो खिंचवाना आसान है पर उनकी मांगों के भी उतना ही संवेदना भी भाजपा को दिखाना चाहिए। इस आंदोलन से पता चलता है कि राज्य में सरकार जाने के बाद भाजपा अपना मानसिक संतुलन खो चुकी है।

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