Dhanbad Judge Murder Case: ब्रेन मैपिंग टेस्ट के सवाल पर कोर्ट में आरोपी बोलें, हूजूर ! कुछ करबे नहीं किए हैं जो कराना हो, करा लीजिए

आरोपितों के अधिवक्ता की उपस्थिति में कोर्ट ने पूछा कि क्या वह टेस्ट कराने को तैयार हैं। इस पर अभियुक्तों ने कहा हुजूर... कुछ करबे नहीं किए हैं। नशा में धक्का लग गया। जो टेस्ट कराना है करा लीजिए। झूठ नहीं बोल रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 01:06 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 01:06 PM (IST)
Dhanbad Judge Murder Case: ब्रेन मैपिंग टेस्ट के सवाल पर कोर्ट में आरोपी बोलें, हूजूर ! कुछ करबे नहीं किए हैं जो कराना हो, करा लीजिए
धनबाद कोर्ट में पेशी के लिए जाते दोनों अभियुक्त ( फोटो जागरण)।

विधि संवाददाता, धनबाद । जज उत्तम आनंद को आटो से धक्का मार कर मौत के घाट उतारनेवाले लखन वर्मा और राहुल वर्मा का लाई डिटेक्टर समेत पांच तरह का टेस्ट होगा। सोमवार को दोनों आरोपितों की सहमति पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इसकी अनुमति दे दी।  हालांकि कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि आरोपितों का टेस्ट कहां और कब कराया जाएगा। पुलिस ने बताया कि लाई डिटेक्टर टेस्ट गुजरात में कराया जाएगा, परंतु संबंधित संस्थान से अभी तारीख नहीं ली गई है। कोर्ट ने तारीख और स्थान संबंधी सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

ये टेस्ट कराए जाएंगे

पुलिस ने कोर्ट में आवेदन देकर दोनों आरोपितों का लाई डिटेक्टर टेस्ट, ब्रेन मैपिंग, पालीग्राफी टेस्ट, सस्पेक्ट डिटेंशन टेस्ट, लायर्ड वाइस एनालाइजिंग टेस्ट और ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन टेस्ट कराने की अनुमति मांगी ।

भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेशी

दोनो आरोपितों को सोमवार शाम 3:54 बजे धनबाद थाना के इंस्पेक्टर विनय कुमार भारी सुरक्षा में लेकर अदालत पहुंचे। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पुलिस ने आवेदन दायर कर आरोपितों का पांच टेस्ट कराने की अनुमति मांगी। आरोपितों के अधिवक्ता की उपस्थिति में कोर्ट ने पूछा कि क्या वह टेस्ट कराने को तैयार हैं। इस पर अभियुक्तों ने कहा हुजूर... कुछ करबे नहीं किए हैं। नशा में धक्का लग गया। जो टेस्ट कराना है, करा लीजिए। झूठ नहीं बोल रहे हैं। बार-बार पूछे जाने पर भी अभियुक्तों ने हर तरह के टेस्ट कराए जाने पर अपनी सहमति दी, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस के आवेदन को स्वीकार कर लिया।

वापस किया रिमांड, दोनों गए जेल

रिमांड अवधि पूरी होने से एक दिन पूर्व ही पुलिस ने दोनों आरोपितों को अदालत के समक्ष पेश किया। 29 जुलाई की शाम पुलिस ने दोनों को पांच दिनों की रिमांड पर लिया था। पुलिस ने फिर से 10 दिन अतिरिक्त रिमांड मांगने की अर्जी दी थी, परंतु थोड़ी ही देर बाद इंस्पेक्टर विनय कुमार के फोन की घंटी बजी। फोन पर बात करने के बाद वह अदालत के समक्ष आए और कहा- हुजूर, अभियुक्तों से पूछताछ पूरी हो चुकी है। आगे पूछताछ नहीं करनी है। इसलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाए। पुलिस ने आवेदन भी वापस ले लिया। इसके बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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