Lockdown Impact: कोरोना का कहर, मछली-बकरी और मुर्गीयों के पालन पर दिखा असर Dhanbad News
कोरोना के कहर से केवल आम जन जीवन ही प्रभावित नहीं हुआ है बल्कि मछली मुर्गी बतख और बकरियों के पालन पर भी देखने को मिला है। मत्स्य और पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाएं बुरी तरह से कोरोना के कारण प्रभावित हुई हैं।
बलवंत कुमार, धनबाद : कोरोना के कहर से केवल आम जन जीवन ही प्रभावित नहीं हुआ है, बल्कि मछली, मुर्गी, बतख और बकरियों के पालन पर भी देखने को मिला है। मत्स्य और पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाएं बुरी तरह से कोरोना के कारण प्रभावित हुई हैं। कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में लगे लॉक डाउन से इन योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो सका और ना ही इनका लाभ किसी लाभुक को मिल सका है।
मत्स्य संपदा की 42 योजनाएं लंबित : वर्ष 2020 में हुए लॉक डाउन के बाद केंद्र सरकार ने रोजगार के क्षेत्र में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लेकर आयी थी। इसके तहत कुल 42 योजनाएं ग्रामीणों की आवश्यकता अनुसार दी गई। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किया गया। लोगों ने आवेदन भी दिए पर इन का लाभ किसी को भी नहीं मिल सका। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत आरएएस एक लाख का, दो बायोफ्लॉक 25-25 लाख का, एक मोर्डन आइस फैक्ट्री 50 लाख का, 29 आइस बॉक्स बाइक, 70-70 हजार के टेम्पु आइस बॉक्स के साथ तीन ऑटो, एक तालाब 11 लाख का, 10-10 हजार के आठ आइस बॉक्स साइकिल के साथ समेत अन्य कई प्रकार की योजनाएं मछुआरों के आर्थिक विकास के लिए दी गई थीं।
ना बकरी मिली और ना ही गाय : बात पशुपालन विभाग की करें तो इस की भी सभी योजनाएं कोरोना की भेंट चढ़ गई। विभाग की ओर से गाय, बकरी पालन समेत अन्य कई योजनाएं दी गई थी। लेकिन आवेदन आने के बाद भी लोगों को इनका लाभ नहीं दिया जा सका। ,कोरोना संक्रमण काल के पहले की बात करें तो 97 लोगों को गाय और 120 लोगों को विभाग की ओर से बकरी दी गई।
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को लेकर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही जिला स्तरीय बैठक आयोजित कर लाभुकों का चयन किया जाएगा और उन्हें इसका लाभ मिलेगा।
- मुजाहिद अंसारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी
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कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ते ही योजनाओं को लागू करने से रोक दिया गया। अब भी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन आ रहे हैं। विभाग से आदेश प्राप्त होते ही योजनाओं पर क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाएगा।
- डॉ. उपेंद्र, जिला पशुपालन पदाधिकारी