Coronavirus से जंग में संक्रमित हो गए थे सालुकचापड़ा के फार्मासिस्ट सुनील, इलाज के दाैरान पटना में माैत

स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सरकार द्वारा घोषणा की गई थी कि स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख का बीमा करवाया गया है। यदि स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मौत होती है तो उनके आश्रितों को बीमा पैसा मिलेगा। इसकी जानकारी किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी को नहीं है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:26 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:26 PM (IST)
Coronavirus से जंग में संक्रमित हो गए थे सालुकचापड़ा के फार्मासिस्ट सुनील, इलाज के दाैरान पटना में माैत
कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही ( प्रतीकात्मक फोटो)।

निरसा, जेएनएन। निरसा सीएचसी अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सालुकचपड़ा में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत 53 वर्षीय सुनील पासवान की मौत शनिवार की रात इलाज के दौरान पटना के निजी अस्पताल में हो गई। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इलाज के लिए पटना गए थे। सुनील पासवान की आकस्मिक मौत पर निरसा के स्वास्थ्य कर्मियों में शोक की लहर है। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सुनील पासवान सालुकचपड़ा में फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2020 से वे लगातार कोविड-19 में अपनी ड्यूटी कर रहे थे। वर्ष 2020 में मैथन चेक पोस्ट पर उनकी ड्यूटी कोरोना जांच में लगाई गई थी।

ड्यूटी के दाैरान हो गए थे संक्रमित

सुनील की वर्तमान समय में वे निरसा सीएचसी में कोरोना वायरस की जांच कार्य में लगे हुए थे। लोगों की कोरोना वायरस की जांच करते करते छह अप्रैल को   कोरोना संक्रमित हो गए। चूंकि वे यहां अकेले रहते थे, इसलिए उन्हें इलाज के लिए पटना भेजा गया। पटना में इलाज के दौरान शनिवार की रात उनकी मौत हो गई। वे अपने पीछे पत्नी,  दो पुत्र व दो पुत्री छोड़ गए हैं।

50 लाख का बीमा महज छलावा

स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सरकार द्वारा घोषणा की गई थी कि स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख का बीमा करवाया गया है। यदि स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मौत होती है तो उनके आश्रितों को बीमा पैसा मिलेगा। हम लोगों को आज तक ना तो सरकार  द्वारा ऐसा कोई पत्र प्राप्त हुआ है और नहीं लिखित रूप से हम लोगों के पास कोई प्रमाण है।  कोरोना की जंग में वर्ष 2020 में ही बलियापुर की एक एएनएम व गोविंदपुर के एक चिकित्सक ने  अपने प्राण गवा दिए। क्या आज तक उनके स्वजनों को बीमा की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। हम लोगों को लगता है कि कोरोना योद्धा के लिए 50 लाख का बीमा कराने की बात महज एक छलावा है। यदि सरकार ने बीमा भी कराया होगा तो 31 मार्च के बाद उसका समय सीमा समाप्त हो गया। 31 मार्च के बाद जो लोग काम कर रहे हैं क्या उनके लिए बीमा करवाया गया है या अभी हम लोगों को पता नहीं है।

स्वास्थ्य कर्मी चंदा कर करेंगे अपने साथी की मदद

स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सोमवार को एक साथ सीएचसी में शोक सभा का आयोजन किया जाएगा जिसमें मृतक सुनील पासवान को श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाएगा। साथ ही उस वक्त सभी स्वास्थ्य कर्मी अपने सामर्थ्य के अनुसार मृतक स्वास्थ कर्मी सुनील पासवान के परिजनों की मदद के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे।

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