अपराधियों का ढाल बना करोना, कई मामलो में पुलिस आरोपितों की धरपकड़ से कर परहेज Dhanbad News
कोरोना संक्रमण के बढ़ते फैलाव को लेकर पुलिसकर्मियों की परेशानी काफी बढ़ गई है। किसी भी बड़े छोटे मामले में शामिल अपराधियों की धरपकड़ में पुलिस दिलचस्पी कम दिखा रही है। यही वजह है कि कुछ मामले के अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ज्यादा हाथ पाव नहीं मार रही।
धनबाद, जेएनएन : कोरोना संक्रमण के बढ़ते फैलाव को लेकर पुलिसकर्मियों की परेशानी काफी बढ़ गई है। किसी भी बड़े छोटे मामले में शामिल अपराधियों की धरपकड़ में पुलिस दिलचस्पी कम दिखा रही है। यही वजह है कि कुछ मामले के अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ज्यादा हाथ पाव नहीं मार रही। जिले में दर्जनों मामले ऐसे हैं, जिसमें अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस काफी सक्रिय थी, पर इधर कुछ दिनों से पुलिस की सक्रियता काफी कम हो गई है। पूर्व पुलिस सप्ताह में एक दिन एस ड्राइव अभियान चलाकर अपराधियों की धरपकड़ कर रही थी पर अब वह अभियान बंद कर दिया है। डकैती हत्या में शामिल आरोपियों की तलाश में फिलहाल बंद है। जबकि पिछले 3 माह में
आठ डकैती की घटना जिले में हुई। किसी भी घटना में पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ पाई है। कुछ घटनाओं में अनुसंधान टीम का एक ही फंडा था। अपराधियों की तलाश जारी है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि डकैती जैसे जघन्य अपराध में भी कोरोना काल में पुलिस के लिए आम घटना जैसी हो चुकी है। पूर्व में ऐसी घटना पुलिस की बैचेनी बढ़ा देती थी। पुलिस की कई टीमें अपराधियों की धरपकड़ में जुट जाती है, पर करोना ने सभी के हौसले पस्त कर दिए। सीनियर अधिकारी मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को लगातार निर्देश दिशा निर्देश देते हैं। इस बार क्राइम मीटिंग में भी एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने नए पुराने मामले के निष्पादन को लेकर पुलिस कर्मियों को कई बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिए हैं, पर पर पुलिसकर्मियों के बीच कोरोना वायरस डर बना हुआ है। पिछली बार क्राइम मीटिंग में एसएसपी ने तोपचांची में दो डकैती की घटना में अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी करने का फरमान जारी किया था। वहीं धनबाद थाना क्षेत्र चिरकुंडा गलफरबाड़ी ओपी क्षेत्र में भी घटित डकैती कांड में पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पिछले तीन माह में कुल मिलाकर आठ डकैती की घटना हो चुकी है। हालांकि कुछ मामला लाखों का बिजली पार्टस लूटने से भी जुड़ा था। घर में डकैती तथा राह चलते बस रोककर डकैती, गोली मारकर हत्या, पुलिस के लिए अब भी बड़ी चुनौती है। जनवरी के दूसरे सप्ताह में ही अपराधियों ने शहर के बीचों बीच मनोरम नगर में हार्डकोक व्यवसायी विजय खन्ना के आवास में डाका डाला। दो दिनों तक पुलिस की बैचेनी बढ़ी फिर शांत हो गए। एसएसपी आवास से कुछ ही दूर पर घटी इस घटना और इसमें थाना प्रभारी संजीव कुमार तिवारी की लापरवाही सीनियर को बर्दाश्त नहीं हुई। थानेदार निलंबित भी किए गए उनके स्थान पर तेज तरार्र थानेदार विनय कुमार को अपराधियों को पकड़ने की जिम्मेवारी सौंपी गई पर यहां भी मामला टाय, टाय फीस रहा। इसके बाद 14 फरवरी को तोपचांची शाने पंजाब होटल के समीप कोलकाता से नवादा जा रहे दयाल बस में डकैती। स्वर्ण व्यवसायी अभय कुमार की गोली मारकर लाखों के जेवरात लूट लेने का मामला सामने आया। इस मामले में भी पुलिस तीन चार दिनों तक भागदौड़ की फिर शांत हो गई। तोपचांची खेशमी गांव में अजीत कुमार मंडल के घर लाखों की डकैती में भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। अजीत कुमार मंडल और उनके पत्नी को बंधक बनाकर अपराधियों ने लूटपाट की थी इसी तरह निरसा, चिरकुंडा गल्फरबाड़ी क्षेत्र में साड़ी व्यवसायी राशिद अनवर उर्फ लाला के घर डकैती हुई। वहां से अपराधियों ने 15 लाख नगद तथा नौ लाख से अधिक की जेवरात लूट लिए पर पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ पाई है।