टाइफाइड जैसे लक्षण लेकर आ रहा है करोना संक्रमण; स्वास्थ्य विभाग भी परेशान Dhanbad News

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में धनबाद में अब नई समस्या आ खड़ी हुई है। टाइफाइड के अधिकांश मामले जांच के बाद कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। लगातार बुखार होने पर पैथोलॉजी जांच में लोगों की रिपोर्ट टाइफाइड की आ रही है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 03:35 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 03:35 PM (IST)
टाइफाइड जैसे लक्षण लेकर आ रहा है करोना संक्रमण; स्वास्थ्य विभाग भी परेशान Dhanbad News
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में धनबाद में अब नई समस्या आ खड़ी हुई है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में धनबाद में अब नई समस्या आ खड़ी हुई है। टाइफाइड के अधिकांश मामले जांच के बाद कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। लगातार बुखार होने पर पैथोलॉजी जांच में लोगों की रिपोर्ट टाइफाइड की आ रही है। लेकिन मरीजों के लक्षण पूरी तरह से कोविड के दिख रहे हैं। ऐसे मरीजों की बढ़ती संख्या पर जिला स्वास्थ्य विभाग परेशान है। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच और सदर अस्पताल में काफी संख्या में मरीज ऐसी शिकायत लेकर आ रहे हैं।  कोविड से संक्रमित होने वाले लोग बता रहे हैं कि उन्हें पहले टाइफाइड बताया गया था, लेकिन जब उन लोगों ने कोरोना वायरस की जांच कराई, तो वह संक्रमित पाए गए। टाइफाइड कहकर कई निजी अस्पतालों में स्ट्राइड मरीजों को चला दिए गए, अब स्ट्राइड के कारण ऐसे मरीजों की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता काफी गिर गई। इसके बाद कोरोना संक्रमित होने पर ऐसे मरीज गंभीर हो रहे हैं। 

सप्ताह भर तक सकता है हाई फीवर

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज कर रहे डॉ यूके ओझा बताते हैं कि टाइफाइड में मरीज को एक हफ्ते तक हाई फीवर रहता है। कभी कम दिनों तक भी रहता है। इसके साथ मरीज को बदन दर्द, कमजोरी, आदि की शिकायत रहती है। हालांकि सामान्य तौर पर मरीजों को खांसी नहीं होती है। लेकिन कई ऐसे मरीज आए हैं, जिनका पहले टाइफाइड का इलाज हुआ, जब स्थिति बिगड़ती गई, तब जांच में कोरोना संक्रमित पाए गए। 

टाइफाइड जैसे लक्षण के साथ आ रहा है कोरोना

जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के पदाधिकारी डॉक्टर राजकुमार सिंह बताते हैं कि कोरोना वायरस टाइफाइड के रूप में भी आ रहा है। कोविड सेंटर में आने वाले मरीजों की जांच करने के बाद ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि टाइफाइड जैसे लक्षण मिलने के साथ ही कोरोना वायरस की जांच भी जरूर करवाएं। कई ऐसे मरीज हैं जो गांव देहात में टाइफाइड का इलाज झोलाछाप से करवा रहे हैं। जब स्थिति काफी खराब हो जा रही है, तब वह अस्पताल आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को बचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

दूषित पानी से होता है टाइफाइड, संक्रामक बीमारी

डॉक्टर राजकुमार बताते हैं कि टाइफाइड दूषित पानी में नहाने उसका सेवन करने आदि से होता है। मौसम में परिवर्तन के कारण भी टाइफाइड हो सकता है। मरीज को तेज बुखार आता है। यह बुखार 103 डिग्री से 104 डिग्री तक बढ़ सकता है। टाइफाइड का बुखार लगभग एक हफ्ते तक आता रहता है। मरीज को बुखार आने के साथ ही पेट दर्द, भूख नहीं लगना, सिरदर्द होना, शरीर के कई हिस्सों में दर्द होना, दस्त लगना आदि लक्षण भी पाए जाते हैं। टाइफाइड एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में होने वाली बीमारी है। 

 

केस एक

मतकुरिया के रहने वाले विशेश्वर साव को 4 दिनों से बुखार थी। वह अपने घर हजारीबाग चले गए। वहां 17 अप्रैल को जांच कराने पर टाइफाइड निकला। स्थिति में सुधार नहीं होता देख उन्होंने कोरोना वायरस की जांच कराई। इसमें हुआ संक्रमित पाए गए। 

 

केस दो

भूली के रहने वाले सुजीत कुमार बुखार होने पर जांच करवाई। जांच में टाइफाइड निकला। भूली के एक अस्पताल में उन्होंने अपना इलाज कराया। स्थिति में सुधार नहीं होने पर कोरोना वायरस की जांच कराई। इसमें वह संक्रमित पाए गए। स्थिति गंभीर होने पर फिलहाल उनका इलाज को कोविड सेंटर में चल रहा है।

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