INTUC: कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को समझ में आने लगा विवाद का नफा-नुकसान, 2024 के आम चुनाव से पहले निपटारे पर जोर
INTUC इंटक पूरे देश में 3.33 करोड़ सदस्य होने का दावा करता है। यही कारण है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस आलाकमान किसी भी हाल में इंटक विवाद का निपटारा चाहता है। इसके लिए कांग्रेस ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। इंटक विवाद ( INTUC Dispute) का सीधा असर कांग्रेस पर पड़ रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नुकसान हो रहा है। यह बात अब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को भी समझ में आने लगी है। और डेढ़ दशक से ज्यादा समय से जारी विवाद के निपटारे की कवायद शुरू हो गई है। हालांकि इसमें कहां तक सफलता मिलेगी अभी कहना मुश्किल है। फिर भी एक उम्मीद जगी है। अगर केंद्रीय नेतृत्व की पहल पर इंटक के सभी गुट एकजुट हो जाएं तो बड़ी बात होगी। इसका फायदा कांग्रेस को आम चुनाव 2024 में मिल सकता है।
दो सदस्यीय कमेटी गठित
इंटक पूरे देश में 3.33 करोड़ सदस्य होने का दावा करता है। यही कारण है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस आलाकमान किसी भी हाल में इंटक विवाद का निपटारा चाहता है। इसके लिए कांग्रेस ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खडग़े व दिग्विजय सिंह शामिल हैं। कांग्रेस आलाकमान ने जो सर्वे कराया है, उसमें यह बातें सामने आई है कि इंटक विवाद का सीधा असर पार्टी को 104 सीटों पर पड़ा है। अब फिर से यह इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए विवाद का हल चाहती है। अब इन सीटों पर कांग्रेस फिर से कब्जा करना चाहती है। इसके लिए इंटक का एक होना जरूरी है।
आधा दर्जन राज्यों में इंटक की मजबूत पकड़
देश के कई राज्यों जैसे झारखंड, छतीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र का नागपुर, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, असम आदि में इंटर की पकड़ अच्छी है। विवाद हल करने को लेकर पहले दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी राय दे दही है। अब अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में दोनों पक्षों के दिए गए रिकार्ड के आधार पर कांग्रेस आलाकमान बैठकर मंथन करेगा।
कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम विवाद सलटाने को लेकर बातचीत कर रही है। इंटक से संबंधित सारा रिकार्ड उपलब्ध करा दिया गया है। विवाद के कारण कांग्रेस को 104 सीट पर नुकसान होने की बात सामने आई है। वैसे जो भी निर्णय आलाकमान लेगा, वह मान्य होगा।
-जी संजीवा रेड्डी, अध्यक्ष, इंटक