Chaiti Chhath Puja 2021: उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व संपन्न, श्रद्धालुओं ने की कोरोना से बचाने की कामना

धनबाद के छठ घाटों पर व्रतियों ने काफी देर तक पानी में खड़े होकर उदयीमान सूर्य की पूजा की और भगवान भास्कर से कोरोना महामारी से बचाने क्षेत्र की सुख-समृद्धि के साथ-साथ परिवार की खुशहाली की कामना की।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 11:46 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 11:46 AM (IST)
Chaiti Chhath Puja 2021: उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व संपन्न, श्रद्धालुओं ने की कोरोना से बचाने की कामना
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती व्रतियां ( फोटो जागरण)।

धनबाद, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार को छठव्रतियों ने परिवार के सदस्यों के साथ नदी व तालाब पहुंचकर आस्था और श्रद्धा के साथ उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया। उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत संपन्न हो गया। वहीं, छठ घाट पर भगवान सूर्य की पूजा, हवन और आरती की गई। पहले की अपेक्षा छठ नदी घाट पर बहुत ही कम लोग पहुंचे पर श्रद्धा भक्ति में कहीं कोई कमी नहीं दिखी। कोरोना संक्रमण के बीच लोग पूरी पवित्रता के साथ चैती छठ मनाया।

धनबाद के छठ घाटों पर व्रतियों ने काफी देर तक पानी में खड़े होकर उदयीमान सूर्य की पूजा की और भगवान भास्कर से कोरोना महामारी से बचाने, क्षेत्र की सुख-समृद्धि के साथ-साथ परिवार की खुशहाली की कामना की। शहर के कई मोहल्ले में घर के आंगन, छत व बरामदे में पानी इक्ट्ठा कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। चैती छठ बहुत कम लोग करते है, लेकिन इसकी मान्यता अधिक है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा था और ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार माहौल थोड़ा अलग था बावजूद इन सब के बीच कोरोना के डर पर आस्था भारी पड़ी। शहर के पंपू तालाब घाट, बेकारबांध तालाब, मनईटांड तालाब घाट और दामोदर नदी घाट पर व्रतियों की अच्छी-खासी संख्या देखी गईं। हालांकि इस बार मास्क का प्रचलन देखने को मिला। छठव्रती से लेकर उनके परिजन और अन्य श्रद्धालु मास्क पहनकर पूजा अर्चना करते दिखे।

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