धनराशि इकट्ठा करना नहीं बल्कि राम मंदिर निर्माण से हिंदू परिवार को जोड़ना लक्ष्य Dhanbad News
श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान का उद्देश्य सिर्फ मंदिर निर्माण के लिए धनराशि इकट्ठा करना नहीं है। बल्कि उस मंदिर के निर्माण से भावनात्मक तौर पर देश के सभी हिंदू परिवार को जोड़ना है। क्योंकि राम मंदिर न सिर्फ आस्था बल्कि हमारे राष्ट्रीय स्तर का सांस्कृतिक धरोहर भी है।
धनबाद, जेएनएन : श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान का उद्देश्य सिर्फ मंदिर निर्माण के लिए धनराशि इकट्ठा करना नहीं है। बल्कि उस मंदिर के निर्माण से भावनात्मक तौर पर देश के सभी हिंदू परिवार को जोड़ना है। क्योंकि राम मंदिर न सिर्फ आस्था बल्कि हमारे राष्ट्रीय स्तर का सांस्कृतिक धरोहर भी है। हमारे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र बिंदु, हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक भी है।
यह बातें हीरापुर व सराय ढेला नगर संचालन समिति की बैठक में कही गई। इस दौरान बस्ती समिति, उप बस्ती समिति एवं टोलियां के बीच राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण कूपन का भी वितरण किया गया। स्वयंसेवकों से कहा गया कि वह प्रतिदिन कूपन के माध्यम से संग्रहित धनराशि नगर संचालन समिति के पास जमा कर देंगे। यह कूपन ₹10, ₹100 व हजार रुपये के हैं।
यह भी स्पष्ट किया गया कि कोई भी टोली ₹20000 से अधिक की धनराशि संग्रहित नहीं करेगी। हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक धनराशि इकट्ठा करना ही नहीं बल्कि इस कार्य में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं की सहभागिता और अधिक से अधिक घरों तक पहुंचना है। सभी का योगदान सुनिश्चित करना अभियान का उद्देश्य है। ₹2000 से अधिक जिन्हें योगदान देना हो वह सीधे तौर पर राम मंदिर के खाते में जमा करा सकते हैं। इसके लिए इच्छुक लोगों तक खाता संख्या उपलब्ध कराना भी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है।
वक्ताओं ने कहा कि ऐसे लोग जो राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग नहीं ले सके अब इस अभियान से जुड़ सकते हैं। बैठक को महानगर संघचालक नित्यानंद पांडे, नगर कार्यवाह राकेश कुमार, नगर संचालन समिति के सह संयोजक अशोक प्रियदर्शी, सराय ढेला नगर के बैठक में विभाग सह कार्यवाह विक्रम हिमालय, विहिप के नगर मंत्री उमेश यादव, मृत्युंजय कुमार आदि ने संबोधित किया।
मकर संक्रांति पर दे समरसता का संदेश
बैठक में तय हुआ कि मकर संक्रांति पर्व के दौरान संघ के स्वयंसेवक एवं अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता सामाजिक समरसता का संदेश दे। इसके लिए तय हुआ कि 15 जनवरी को सभी सेवा बस्तियों (जहां अनुसूचित जाति के लोगों की बहुलता हो) में दही-चुरा, तिलकुट अथवा खिचड़ी का भोज किया जाए। इसमें कार्यकर्ता एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी साथ बैठकर भोजन करें। सराय ढेला बस्ती में सुगियाडीह, ओडियापट्टी, व मझलाडीह को इसके लिए चयनित किया गया है।