पावर प्लांटों में कोयले का डिस्पैच बढ़ाने के लिए कोल अधिकारी व कर्मी कर रहे हैं कड़ी मेहनत

कोयले की कमी के कारण देश में बिजली की संकट पैदा न हो इसको ध्यान में रखते हुए बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा कोयले के डिस्पैच पर जोर दिया है गया है। पिछले महीने 59 रैक कोयले का डिस्पैच किया गया था ।

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 05:56 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 05:56 PM (IST)
पावर प्लांटों में कोयले का डिस्पैच बढ़ाने के लिए कोल अधिकारी व कर्मी कर रहे हैं कड़ी मेहनत
कोलियरी में प्रबंधन द्वारा जहां पिछले महीने 59 रैक कोयले का डिस्पैच किया गया था ।

लोयाबाद ।फोटो। कोयले की कमी के कारण देश में बिजली की संकट पैदा न हो इसको ध्यान में रखते हुए बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा कोयले के डिस्पैच पर जोर दिया है गया है। सिजुआ क्षेत्र के सेंद्रा बांसजोडा कोलियरी में प्रबंधन द्वारा जहां पिछले महीने 59 रैक कोयले का डिस्पैच किया गया था । वहीं इस माह अब तक 25 रैक कोयले का डिस्पैच हो चुका है। मंगलवार को दो रैक कोयले का डिस्पैच हुआ और तीसरा रैक में कोयले की लोडिंग चल रही है। इस माह अधिक कोयले का डिस्पैच करने के लिए अधिकारी व कर्मी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कोयले का उत्पादन पर पूरा जोर दिया जा रहा है। बांसजोडा कोलियरी में दो सीएचपी है।रात दिन कोयले की पिसाइ चल रही है। एसीएम विवेकानंद ने बताया कि प्रतिदिन दो रैक(7000 टन) कोयले का डिस्पैच किया जा रहा था। इस महीने से हर तीसरे दिन तीन रैक (11000) टन कोयले का डीस्पैच किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय और कोलियरी अधिकारीयों द्वारा पावर प्लांटों में कोयले की आपूर्ति के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है। प्रयास है कि अधिक से अधिक कोयले का डिस्पैच हो। इस कोलियरी से बिहार पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड के विभिन्न विधूत पावर प्लांटों में कोयला भेजा जा रहा है। आज उत्तर प्रदेश के उचहार प्लांट और पश्चिम बंगाल के एमटीएस प्लांट में कोयला भेजा गया है।

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