सेल चासनाला में बालू की कमी से नहीं हो पा रहा उत्पादन

संस चासनाला सेल कोलियरीज डिवीजन की चासनाला कोलियरी की गहरी खदानों से कोयला उत्पादन के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:47 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:47 AM (IST)
सेल चासनाला में बालू की कमी से नहीं हो पा रहा उत्पादन
सेल चासनाला में बालू की कमी से नहीं हो पा रहा उत्पादन

संस, चासनाला : सेल कोलियरीज डिवीजन की चासनाला कोलियरी की गहरी खदानों से कोयला उत्पादन के लिए बालू बहुत जरूरी है। कोलियरी में बालू की आपूर्ति नहीं होने से 11 माह से बंद खदान में कार्यरत करीब दो हजार असंगठित मजदूर बेरोजगार हैं। खदान को चालू करने के लिए सेल प्रबंधन ने एड़ी-चोटी एक कर रखी है, लेकिन बालू ठेकेदार को निविदा आदेश मिलने के बाद भी बालू आपूर्ति नहीं किए जाने से कोयला उत्पादन पर ब्रेक लगा हुआ है।

सेल कोलियरीज डिवीजन के प्रभारी कार्यपालक निदेशक (कोल) केएलएस राव ने एक भेंट में अपनी कार्य योजना पर विस्तार बात की। कहा कि सेल अपने सेंड प्लांट को चालू करने के लिए कोयला मंत्रालय व बोर्ड आफ डायरेक्टर लेवल पर बात की जा रही है। चासनाला कोलियरी को चालू करने के लिए प्रबंधन प्रयासरत है। इसके लिए छह मार्च को झारखंड व पश्चिम बंगाल के बालू घाट से 40 हजार टन बालू की आपूर्ति करने की निविदा निकाली गई थी। ठेकेदार हृदय भूषण सिंह ने 1.67 करोड़ रुपये में बालू आपूर्ति करने की निविदा भरी है। प्रबंधन ने 26 अप्रैल को बालू आपूर्ति करने का आदेश भी दे दिया था। नियमानुसार निविदा आदेश मिलने के सात दिनों के अंदर बालू आपूर्ति करनी थी। डेढ़ माह बाद भी बालू की आपूर्ति नहीं की जा सकी है। प्रबंधन बालू के लिए फिर से निविदा निकालने की तैयारी में जुटी है। कहा कि चासनाला कोलियरी में सात सौ मीटर गहराई तक कोयले का अकूत भंडार है, जबकि ईस्ट ओसीपी व वेस्ट क्वायरी में करीब 10 मिलियन टन से अधिक कोयले का भंडार है। कहा कि चासनाला डीप माइंस से तीन सौ टन व अपर सिम से तीन सौ टन प्रतिदिन कोयला उत्पादन हो सकता है। चासनाला डीप माइंस व अपर सिम के लिए निविदा प्रक्रिया आखिरी चरण में है। डीप माइंस में 17 अगस्त व अपर सिम खदान में तीन नवंबर से उत्पादन बंद है। इस वित्तीय वर्ष में डीप माइंस से 90 हजार टन व अपर सिम खान से एक लाख बीस हजार टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जीतपुर कोलियरी से तीन सौ टन कोयला उत्पादन किया जा रहा है। आनेवाले समय में प्रतिदिन दो हजार टन उत्पादन करने का लक्ष्य है। रामनगर कोलियरी से 15 सौ टन कोयला उत्पादन किया जा सकता है।

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