Coal Industry jo: खनन में उच्च तकनीक के इस्तेमाल का कोल इंडिया में दिख रहा असर, हादसों की संख्या में हो रही कमी
Coal Industry कोल इंडिया में खनन में तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इसका असर दिख रहा है। खान दुर्घटनाओं में कमी दर्ज की गई है।
धनबाद, जेएनएन।खान दुर्घटनाओं को शून्य करने की दिशा में कोल इंडिया हर कवायद में जुटी है। कोयला मंत्रालय को भेजे आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो इसमें सफलता भी मिल रही है। इसके लिए उच्च तकनीक के सुरक्षा उपकरणों का कोयला खदान में इस्तेमाल किया जा रहा है।
कोल इंडिया की ओर से कोयला मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि राष्ट्रीयकरण के बाद से लगातार दुर्घटना में कमी आई है। 1975 से 1979 के बीच 157 खान दुर्घटनाएं हुई। इनमें 196 खनिकों की मौत हुई। 2015 से 2019 के बीच 33 खान दुर्घटना हुई। जिसमें 43 लोगों की मौत हुई। इस साल अप्रैल से जून 2020 के दौरान नौ दुर्घटनाएं हुईं। इनमें चार ठेका श्रमिकों की जान गई। कोल इंडिया ने खान सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए बीसीसीएल, ईसीएल, एमसीएल, एसईसीएल व डब्ल्यूसीएल प्रबंधन को सख्ता निर्देश दिए हैं।
इस साल अब तक चार की हुई मौत :
इस साल बीसीसीएल की बस्ताकोला एरिया की राजापुर ओसीपी में आउटसोर्सिंग कंपनी के वोल्वो चालक सागर कुमार की 29 मई 2020 को दुर्घटना में मौत हो गई। दूसरी ओर ईसीएल की कोजरा एरिया की पारस कोलियरी में साइड फॉल में ऋतुराज नामक कर्मी की मौत हुई। वहीं एमसीएल की ङ्क्षहगला ओसीपी में आउटसोर्सिंग कंपनी कर्मी की मौत पांच मई को को हो गई।
कोल इंडिया में शून्य दुर्घटना करने का हर उपाय हो रहा है। उच्चतम सुरक्षा मापदंडों को अपनाया जा रहा है। कर्मियों को जागरूक किया जा रहा है। हम टीम के साथ मिलकर शून्य दुर्घटना लक्ष्य हासिल करेंगे।
- विनय दयाल, तकनीकी निदेशक कोल इंडिया