Coal India: बाजार दर के 10 फीसद कीमत पर बालू उपलब्ध कराएगी कोल इंडिया
कोल इंडिया लिमिटेड मौजूदा बाजार दर के 10 फीसद पर ही बालू उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए कोयला खदानों से निकलने वाले ओवरबर्डन से बालू तैयार किया जाएगा। यह जानकारी कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को विज्ञप्ति जारी कर दी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : कोल इंडिया लिमिटेड मौजूदा बाजार दर के 10 फीसद पर ही बालू उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए कोयला खदानों से निकलने वाले ओवरबर्डन से बालू तैयार किया जाएगा। यह जानकारी कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को विज्ञप्ति जारी कर दी है।
अगले पांच वर्ष के लिए रोड मैप तैयार कर रही कंपनी
कोल इंडिया बीसीसीएल समेत अपने सभी कोयला उत्पादन करने वाली अनुषंगी कंपनियों की ओर से ओवरबर्डन से बालू उत्पादन करने के लिए पांच वर्ष का रोडमैप तैयार कर चुकी है। इस प्रयास में, सीआईएल ने अपनी विभिन्न कोयला उत्पादक सहायक कंपनियों में 15 प्रमुख रेत संयंत्रों को चालू करके अगले पांच वर्षों के भीतर लगभग 8 मिलियन टन रेत के उत्पादन स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक, सीआईएल ने लगभग तीन लाख क्यूबिक मीटर के उत्पादन के साथ 15 में से 9 संयंत्रों की परिकल्पना की है। इस प्रयास से न केवल बड़े पैमाने पर समाज को मदद मिलेगी बल्कि नदी तल से बालू खनन को कम करने में भी मदद मिलेगी।
डब्ल्यूसीएल में उत्पादन शुरू
कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में ओवरबर्डन से बालू का उत्पादन शुरू किया जा चुका है। इसकी गुणवत्ता नदी तट से निकाले गए बालू से बेहतर है और लागत काफी कम है। यहां शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट में पाया गया कि ओवरबर्डन को छानकर कुल मात्रा से 25 फीसद बालू प्राप्त किया जा सकता है। डब्ल्यूसीएल ने नागपुर के पास देश के सबसे बड़े रेत उत्पादन संयंत्र को चालू करके वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया। यह इकाई बाजार मूल्य से लगभग आधी कीमत पर प्रतिदिन 2500 क्यूबिक मीटर रेत का उत्पादन करती है। इस संयंत्र से उत्पादित रेत का बड़ा हिस्सा सरकार को दिया जा रहा है। शेष रेत बाजार में खुली नीलामी के माध्यम से बेची जा रही है जिससे स्थानीय लोगों को काफी सस्ती कीमत पर रेत प्राप्त करने में मदद मिल रही है। ओवरबर्डन के उपयोग ने ओवरबर्डन डंप के लिए आवश्यक भूमि की मात्रा को कम कर दिया है। यह पहल नदी तल के रेत खनन के प्रतिकूल प्रभाव को भी कम करती है। एनएचएआई और अन्य को सस्ती कीमत पर सड़क निर्माण के लिए ओवरबर्डन भी बेच रही है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में दो नए संयंत्रों की योजना डब्ल्यूसीएल द्वारा बनाई गई है, जिसके वर्ष के अंत तक चालू होने की संभावना है।
बीसीसीएल को होगा विशेष लाभ
ओवरबर्डन के ढेर काफी मात्रा में जमीन घेर लेते हैं। वहीं इसके ढेर से बालू निकालने की प्रक्रिया से जमीन की बचत होती है। इससे कोयला उत्पादन कंपनियों को परियोजना विस्तार में काफी मदद मिल रही है। बीसीसीएल जैसी कंपनियां जहां परियोजना विस्तार में जमीन की कमी बड़ी समस्या बन गई है इस परियोजना से उसे काफी लाभ होने की संभावना जताई गई है।