Coal India: क्लीन कोल की तरफ कंपनी ने बढ़ाया कदम, अमेरिका से ली जाएगी तकनीकी मदद

Coal India प्रदूषण व पर्यावरण को देखते हुए कोल इंडिया कई योजनाओं पर काम कर रही है। डीप भूमिगत माइंस करीब छह सौ मीटर से अधिक गहराई वाले खदान कैसे विकसित किए जाए इस पर काम हो रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 10:21 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 10:21 AM (IST)
Coal India: क्लीन कोल की तरफ कंपनी ने बढ़ाया कदम, अमेरिका से ली जाएगी तकनीकी मदद
अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों से बात करते कोल इंडिया चेयरमैन ( फोटो साैजन्य)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। प्रदूषण सहित सुरक्षा तकनीक को लेकर कोल इंडिया कई तकनीक पर अध्ययन कर रही है। कोयला की मांग को पूरा करने के लिए कोल इंडिया को अब नई तकनीक पर काम करने को लेकर प्लान तैयार किया है। देश में मांग व खपत की बीच कोयला की लंबी गैप है। इस खाई को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय ने 2025-26 तक का डेडलााइन तय किया है। उसी डेडलाइन के तहत एक हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है। फिलहाल कोल इंडिया करीब 600 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर पा रही है। चार सौ मिलियन कोयला उत्पादन करने के लिए लक्ष्य के साथ मैग प्रोजेक्ट के प्लान पर काम हो रहा है।

भारत में क्लीन कोल व डीप भूमिगत की बेहतर तकनीक के उपयोग को लेकर कोल इंडिया गंभीर हो गई है। मंगलवार को अमेरिकी महावाणिज्य दूत की अधिकारी मेलिंडा पावेक ने अपने सहयोगी कोलकाता कोल इंडिया मुख्यालय का दौरा किया। तकनीकी निदेशक विनय दयाल ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि प्रदूषण व पर्यावरण को देखते हुए कोल इंडिया कई योजनाओं पर काम कर रही है। डीप भूमिगत माइंस करीब छह सौ मीटर से अधिक गहराई वाले खदान कैसे विकसित किए जाए इस पर काम हो रहा है। अमेरिकी टीम से नए तकनीकी के बारे में जानकारी ली गई है। क्लीन कोल को लेकर भी विस्तार से चर्चा होने के बाद उन से प्लान मांगा गया है।

कोेल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया हर प्लान पर काम कर रही है। पर्यावरण व सुरक्षा को लेकर जो भी बेहतर तकनीक होगी इसका उपयोग किया जाएगा। इस दौरान कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, तकनीकी निदेशक विनय दयाल, निदेशक विपणन एसएन तिवारी उपस्थित थे।

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