कोल इंडिया में सेवानिवृत्त होने के बाद आवास नहीं छोडऩे पर रूकेगा शिफ्टिंग अलाउंस व लिव इनकैशमेंट
कोल इंडिया के डीपी विनय रंजन ने जारी किया है। यह पत्र बीसीसीएल ईसीएल सीसीएल व सीएमपीडीआइएल समेत कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों को जारी करते हुए उन्होंने इसपर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। सेवानिवृत्ति के बाद भी कंपनी के आवास पर कब्जा जमाए रखने वाले कोल इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कोल इंडिया प्रबंधन सख्त हो गई है। अब ऐसा करने वाले अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कंपनी के नियमों के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए ग्रेच्यूटी, लिव इनकैशमेंट (छुट्टी का पैसा), शिङ्क्षफ्टग अलाउंस (रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले 16 हजार राशि) का भुगतान नहीं किया जाए। साथ ही पैनल रेट काटने के साथ कंपनी के सीडीए रूल के तहत विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इससे संबंधित पत्र शनिवार को कोल इंडिया के डीपी विनय रंजन ने जारी किया है। यह पत्र बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल व सीएमपीडीआइएल समेत कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों को जारी करते हुए उन्होंने इसपर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
कोल इंडिया प्रबंधन ने निदेशक वित्त व कार्मिक की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कोल इंडिया की हर कंपनी में करीब दस हजार से अधिक आवास ऐसे हैं, जहां सेवानिवृत्त होने के बाद भी अधिकारी व कर्मचारी आवास पर कब्जा जमाए हुए हैं। वहीं कोल माइंस अफसर एसोसिएशन, बीसीसीएल ब्रांच के अध्यक्ष अनिरूद्ध पांडेय एवं महासचिव डा. दिनेश कुमार ङ्क्षसह ने कोल इंडिया प्रबंधन के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि कंपनी हित में यह फैसला लिया गया है। इसपर तुरंत अमल किया जाना चाहिए। ताकि कंपनी के कास्ट कङ्क्षटग में यह सहायक सिद्ध हो। वहीं इस मामले पर जब श्रम संगठन के प्रतिनिधियों को जानकारी मिली तो उन्होंने इसका विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह प्रबंधन का एकतरफा निर्णय है। श्रम संगठनों का कहना है कि कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा जारी सर्कुलर देखने के बाद ही आगे आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। यह निर्णय पूरी तरह से मजदूर विरोधी है।