Coal India ने विस्फोटकों की खरीदारी के लिए जारी की एसओपी, अब केवल सूचीबद्ध कंपनियां ही निविदा में भाग लेंगी

कोल इंडिया और इसकी अनुषंगी इकाइयों में विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है। खदानों में खनन के लिए विस्फोट कर कोयले के बड़े-बड़े चट्टानों को तोड़ा जाता है। कई बार ये विस्फोटक नक्सलियों और राष्ट्रविरोधी ताकतों के हाथ में पहुंच जाते हैं। इसके मद्देनजर एसओपी जारी की गई है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:58 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 08:16 AM (IST)
Coal India ने विस्फोटकों की खरीदारी के लिए जारी की एसओपी, अब केवल सूचीबद्ध कंपनियां ही निविदा में भाग लेंगी
कोयला खदानों में खनन के लिए बड़े पैमान पर विस्फोटकों का होता इस्तेमाल ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। कोल इंडिया देश में वाणिज्यिक विस्फोटकों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। कंपनी ने हाल ही में विस्फोटक निर्माताओं के नए उत्पादों की खरीद से पूर्व उनके नए उत्पादों को सूचीबद्ध करने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीड्योर : मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की है। कहा गया है कि कोल इंडिया की तमाम अनुषंगी कंपनियों में उपयोग किए जाने वाले विस्फोटक केंद्रीय स्तर पर सूचीबद्ध हैं और उनकी निविदा भी कोल इंडिया से ही जारी होती हैं। बावजूद इसके यदि कुछ कंपनियों को स्वतंत्र निविदा जारी करने की आजादी अपवाद स्वरूप दी भी गई है तो वह उन्हीं कंपनियों व उत्पादों के लिए निविदा जारी कर सकती हैं जो कोल इंडिया में सूचीबद्ध हैं। कंपनी ने इस सूची में शामिल होने के इच्छुक अन्य निर्माताओं और उनके उत्पादों के लिए अवसर दिए जाने की बात कही है। इसके लिए दिशानिर्देश जारी किया है। इसके लिए आवेदन कोल इंडिया के विस्फोटक महाप्रबंधक के पास की जाएगी।

कोल इंडिया में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया

केवल वही विस्फोटक सूचीबद्ध किए जाएंगे जिनका इस्तेमाल कोल इंडिया व अनुषंगी कंपनियां करती हैं। अनुमोदित उत्पादों की सूची में शामिल होने के लिए निर्माताओं को नोटरी की ओर से सत्यापित कागजात प्रस्तुत करने होंगे। इनमें कंपनी का नाम, कार्यालय का पता, फोन नंबर, फैक्स नंबर, कारखाना का पता, संपर्क करने वाले व्यक्ति की जानकारी, संयुक्त परीक्षण रिपोर्ट, संयंत्र व मशीनरी के विवरण के साथ ही फैक्टरी का लेआउट (पीईएसओ अनुमोदित), भूमि अभिलेख, उत्पाद का नाम व सूचीकरण के लिए अनुरोध, लाइसेंस, अनुमोदन सीसीई, पीईएसओ प्रस्तुत, एसएसआइ, आइएसओ, एनएसआइसी प्रमाण पत्र के अनुसार उत्पादन क्षमता, पंजीकरण और ज्ञापन का प्रमाण पत्र, साझेदारी अभिलेख, निगमन तिथि, जीएसटी पंजीकरण की प्रतिलिपि, लेखा परीक्षण की ओर से प्रमाणित पिछले वर्षों का बैलेंसशीट, पैन नंबर, पर्यावरण-प्रदूषण मंजूरी की प्रति, बिजली आपूर्ति के वैकल्पिक स्रोत के दस्तावेजी साक्ष्य, विस्फोटकों के परिवहन की सुविधा, स्थानीय निकायों को दिए जाने वाले कर व किराये की रसीद, संयंत्र व मशीनरी की परीक्षण की सुविधाएं, उत्पाद की प्रक्रिया जांच व गुणवत्ता नियंत्रण जांच की सुविधा की जानकारी, उत्पादन क्षमता के बुनियादी ढांचा, वर्तमान उपयोग की क्षमता, बैंक के साथ क्रेडिट की सुविधा, बैंकर की ओर से प्रमाणित स्वीकृत क्रेडिट सीमा, बैंकर के संबंध में प्रमाण पत्र ऋण की अदायगी व ब्याज वसूली में नियमितता, क्या बैंकर वर्तमान व्यवसाय के लिए पर्याप्त ऋण देने को तैयार है, गुणवत्ता आश्वासन व खनन कार्मिक, उत्पाद साहित्य और तकनीकी डाटाशीट, पेश करना होगा।

आगे की प्रक्रिया

एसओपी के मुताबिक दस्तावेजों की सूची प्राप्त होने के बाद कोल इंडिया का उत्पादन प्रभाग उसकी जांच करेगा। कागजात ठीक पाए जाने पर एक बहु अनुशासनात्मक समिति जिसमें उत्पादन प्रभाग, एमएम डिवीजन, वित्त प्रभाग और कोल इंडिया की ओर से एक-एक कार्यकारी होंगे के पास मामला जाएगा। सीएमपीडीआइएल की ओर से भी एक ब्लास्टिंग डिवीजन का गठन किया जाएगा। समितियां निर्माताओं के कारखाने का निरीक्षण करेगी और दस्तावेज में पेश किए गए दावे का परीक्षण करेगी। रिपोर्ट कोल इंडिया के उत्पादन महाप्रबंधक को सौंपा जाएगा। सिफारिशों के आधार पर महाप्रबंधक की स्वीकृति मिलने के बाद फील्ड परीक्षण के लिए सीएमपीडीआइ के व्यावसायिक विकास विभागाध्यक्ष को भेजा जाएगा। विस्फोटक निर्माता सीएमपीडीआइ से संपर्क करेगा और उत्पादों के परीक्षण का शुल्क जमा करेगा। महाप्रबंधक ब्लास्टिंग व महाप्रबंधक उत्पादन से अनुरोध प्राप्त होने पर फील्ड टेस्टिंग व ट्रायल के लिए कोल इंडिया नए खुली खदान का चयन करेगी। विस्फोटक निर्माताओं की जिम्मेदारी होगी कि वे आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएं। परीक्षण के बाद कोल इंडिया अधिकारी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे जिसके आधार पर विस्फोटक को सूचीबद्ध किया जाएगा।

राष्ट्रविरोधी ताकतों के हाथ में जाने से रोकने के लिए सख्ती

कोयला खदानों में बड़े पैमाने पर विस्फोटकों का प्रयोग होता है। झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, असम आदि राज्यों में कोयले की खदानें बहुतायत में हैं। इनमें कुछ स्थानों पर नक्सली गतिविधियां हैं। विस्फोटक नक्सलियों तक पहुंच जाते हैं। इसका वे राष्ट्रविरोधी कार्यों में इस्तेमाल करते हैं। इसे देखते हुए कोल इंडिया ने विस्फोटकों की खरीदारी और परिवहन व्यवस्था सख्त कर रही है। 

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