कोल इंडिया ने लॉकडाउन में बचाए पांच करोड़, वीडियो संवाद के जरिए हो रही है कंपनी की सारी बैठक Dhanbad News

कोरोना काल में बदली कार्यसंस्कृति ने लोगों को तकनीक आधारित बनने को प्रेरित किया है। वहीं कोल इंडिया में बैठक के नाम पर होनेवाले खर्च के मद में पांच करोड़ से अधिक की बचत हुई है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 02:01 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 02:01 PM (IST)
कोल इंडिया ने लॉकडाउन में बचाए पांच करोड़, वीडियो संवाद के जरिए हो रही है कंपनी की सारी बैठक Dhanbad News
कोल इंडिया ने लॉकडाउन में बचाए पांच करोड़, वीडियो संवाद के जरिए हो रही है कंपनी की सारी बैठक Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। कोरोना ने हर किसी को प्रभावित किया है। इस आपदा के काल में बदली कार्यसंस्कृति ने जहां लोगों को तकनीक आधारित बनने को प्रेरित किया है, वहीं बचत के मायने भी सिखाए। इस वायरस से बचाव को लेकर देश में लागू लॉकडाउन की वजह से देश की कई बड़ी कंपनियों ने अपने वर्कर को वर्क टू होम की छूट दे रखी थी। इनमें कोल इंडिया भी शामिल है। विगत ढाई माह चले लॉकडाउन के दौरान अधिकतर अधिकारी घर से काम करते रहे। साथ ही कंपनी के अधिकारी विशेष चर्चा-परिचर्चा वीडियो संवाद के जरिए करते नजर आए। इससे जहां काम काफी सुगम हुआ।

वहीं अधिकारियों की बैठक के नाम पर होनेवाले टूर, टिकट, होटल, वाहन, भोजन सहित साथ चल रहे कर्मियों के खर्च के मद में पांच करोड़ से अधिक की बचत हुई। बदली परिस्थिति से कोल इंडिया को हुई बचत ने भविष्य के नये आयाम जुड़ गए। माना जा रहा है कि इस तरह के खर्च पर कंपनी ने अंकुश लगाने का मन बना लिया है। कोल इंडिया का क्षेत्र सात राज्यों में फैला है। मुख्यालय कोलकाता में वहीं दिल्ली में मंत्रालय का कार्यालय है। इस कारण अधिकारियों को वहां भी जाना पड़ता है है। मौजूदा समय में प्रति दिन बैठक दिल्ली, कोलकाता, पावर प्लांटों व रेल के साथ होती रहती है।

पत्र के नाम पर घुमने पर लगेंगा अंकुश : बीसीसीएल प्रबंधन यह विचार कर रही है कि जो काम मेल व कुरियर के जरिए पत्र से हो सकता है, उसमें अधिकारियों को नहीं भेजा जाए। वहां अधिकारियों के जाने पर अधिक खर्च पड़ता है। ऐसे में इस पर कैसे काम किया जाए इस पर सोच विचार शुरू हो गया है। बीसीसीएल में भी टूर के नाम पर सलाना करोड़ राशि खर्च होती है।

कोयला मंत्री व बोर्ड की बैठक से भी अधिकारियों का निजात : वीडियो संवाद के जरिए कोल इंडिया चेयरमैन, कंपनियों के सीएमडी, निदेशकों को जो कोयला मंत्रालय से लेकर विभिन्न समीक्षा बैठक के लिए कंपनी स्तर पर दौड़ लगानी पड़ती थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण सारी बैठक हो रही है लेकिन वह वीडियो संवाद के जरिए। कंपनी की ऑडिट टीम ने जब इस पर अध्ययन किया तो यह समाने आया कि इस तरह से बैठक होने से कंपनी को कई तरह के लाभ है। कंपनी को आॢथक नुकसान से भी बचाया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार कोल इंडिया मुख्यालय में ही अधिकारियों के बैठक व बाहरी खर्च पर करीब 35 लाख से 40 लाख का बजट जाता था।

ये बैठक हुई : कोयला मंत्री व कोयला सचिव की समीक्षा, कोल इंडिया सीएमडी मीट, डीपी मीट, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, कंपनी स्तरीय बोर्ड की बैठक, एपेक्स जेसीसी, वेलफेयर, महाप्रबंधक समन्वय, रेल व कोल डिस्पैच को लेकर मंत्रालय स्तरीय बैठक आदि शामिल है। इन सब बैठकों में चेयरमैन सहित निदेशकों को जाना होता था, अब इससे निजात मिल गई है।

तकनीक के विकास से बैठक करने में आसानी होती है। इससे समय तो बचता ही है। आॢथक बचत भी होता है। अधिकारियों को आने जाने में समय भी बचता है। बहुत जरूरी होने पर ही आना पड़ेगा। वीडियो संवाद के जरिए बैठक होने का लाभ भी मिल रहा है। - अनिमेष भारती, आर्थिक सलाहकार, कोयला मंत्रालय।

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