कोयला निर्यात बढ़ाने की संभावनाएं ढूंढ रही कोल इंडिया Dhanbad News

कोल इंडिया इन दिनों नए बाजार ढूंढ रही है। इसके लिए कोयला निर्यात बढ़ाने के सभी उपायों पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे देश जहां हम अपने उत्पाद निर्यात कर सकें उनके साथ समझौते किए जा रहे हैं। नेपाल बांग्लादेश जैसे देशों में कोयला निर्यात की संभावनाएं दिखती हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 02:05 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 02:05 PM (IST)
कोयला निर्यात बढ़ाने की संभावनाएं ढूंढ रही कोल इंडिया Dhanbad News
कोल इंडिया इन दिनों नए बाजार ढूंढ रही है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोल इंडिया इन दिनों नए बाजार ढूंढ रही है। इसके लिए कोयला निर्यात बढ़ाने के सभी उपायों पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे देश जहां हम अपने उत्पाद निर्यात कर सकें उनके साथ समझौते किए जा रहे हैं। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में कोयला निर्यात की संभावनाएं दिखती हैं। वहां कोयले की खेप भेजी भी जा रही है। निर्यातकों को ऑक्शन में शामिल होने के लिए सुविधाएं दी जा रही हैं और उन्हें समय पर कोयला मिले यह सुनिश्चित भी किया जा रहा है। आगे भी इस दिशा में प्रयास जारी रहेंगे। कहना था कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल का।

अपने धनबाद दौरे के दूसरे दिन चेयरमैन ने बीसीसीएल को दो एंबुलेंस सौंपा। साथ ही मार्केट कंपलेक्स के सामने बने पंचवटी वाटिका में सीएमडी पीएम प्रसाद के साथ पौधरोपण किया। इसके बाद वे मधुबन वाशरी व ब्लॉक टू एरिया के दौरे पर निकल गए। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोल इंडिया कोयला के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी निवेश करने जा रही है। सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करने के लिए कंपनी तकरीबन 400 करोड़ का निवेश कर रही है। बीसीसीएल समेत अन्य कंपनियों में भी कोल बेड मीथेन का उत्पादन शुरू होने के करीब है।

जेबीसीसीआई की बैठक में तेजी लाने व जल्द वेतन समझौता पर चेयरमैन का कहना था कि यह दो पक्षीय कमेटी है। इसमें विभिन्न मुद्दों पर प्रबंधन व यूनियन दोनों के प्रतिनिधि बैठकर निर्णय लेते हैं। इसलिए इसके बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया जा सकता। कमेटी विचार विमर्श के बाद जो निर्णय लेगी वही होगा। वह अपनी ओर से कुछ नहीं कह सकते।

कोल इंडिया की ओर से मेडिकल कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव पर चेयरमैन का कहना था कि जब यह योजना बनी थी तब इसकी आवश्यकता थी, अब नहीं। सरकारों ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश में ऐसा लगभग हो चुका है। ऐसे में अब चिकित्सकों की कमी नहीं रही। लिहाजा फिलहाल कंपनी ऐसे किसी योजना पर काम नहीं कर रही। यह जरूर है कि हम अपने अस्पतालों का पुनरुद्धार करने को प्रतिबद्ध हैं। उस दिशा में काम चल रहा है। नए चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है।

chat bot
आपका साथी