500 करोड़ की सुरक्षा को भी भेद रहे कोयला चोर, सालाना हजार करोड़ की चोरी Dhanbad News
सीआइएसएफ ने 2015 से लेकर दिसंबर 2019 तक 380 एफआइआर दर्ज किए गए। सीआइएसएफ ने चार साल के दौरान 8836 छापामारी अभियान चलकर यह सफलता हासिल की।
धनबाद, जेएनएन। कोयलांचल में कोयले की चोरी से बीसीसीएल और ईसीएल प्रबंधन की नींद उड़ी हुई है। चोरी रोकने के लिए दोनों कंपनियां सालाना पांच सौ करोड़ खर्च कर रही हैं, लेकिन चोर चकमा देने से बाज नहीं आ रहे हैं। स्थिति यह है कि बीसीसीएल क्षेत्रों से सालाना करीब एक हजार करोड़ की कोयला चोरी हो रही है। तकनीकी भी विफल
कोयला चोरी रोकने के लिए हाइवा में जीपीआरएस, बूम बैरियर, आरएफडीआइ सिस्टम लगाया गया था। कोल डंप से रेलवे लोडिंग स्थल तक कोयला चोरी रोकने के लिए पूरा सिस्टम नजर गड़ाए हुए है, लेकिन जीटी रोड पर वह विफल हो जा रहे हैं। लगातार कोयला दूसरे स्थानों पर गिराया जा रहा है।
380 एफआइआर
सीआइएसएफ ने 2015 से लेकर दिसंबर 2019 तक 380 एफआइआर दर्ज किए गए। सीआइएसएफ ने चार साल के दौरान 8836 छापामारी अभियान चलकर यह सफलता हासिल की। 2017-2019 के दौरान लोहा, डीजल, स्कैप जैसी समान को जब्त करने में सफलता हासिल की। जिसकी लागत मूल्य 58,24,658 रुपया है। 2019 में बड़ी सफलता
सीआइएसएफ ने 70 बड़े वाहन, 1820 साइकिल इसमें मोटर साइकिल भी है। साथ ही 31 ठेला गाड़ी भी जब्त किया है।
बीसीसीएल-ईसीएल सालना खर्च करती है पांच सौ करोड़
ईसीएल व बीसीसीएल कोयला चोरी सहित राष्ट्रीय संपति को बचाने के लिए करीब पांच सौ करोड़ राशि खर्च करती है। इसके लिए सीआइएसएफ सहित जितनी भी एजेंसी लगी हुई है, सभी को सुविधा भी दी जाती है। बीसीसीएल में भी करीब 255 करोड़ सालना खर्च होता है।
राष्ट्रीय संपति की चोरी रोकने में सीआइएसएफ लगातार काम कर रही है। इसमें सफलता भी मिल रही है। कई वाहन कोयला चोरी समेत पकड़े गए है। बीसीसीएल से जो सुविधा मिलनी चाहिए नहीं मिल पा रही है। जवानों को भी काम करने में कई तरह की परेशानी हो रही है। चोरी रोकने के लिए लगातार अभियान जारी है।
- पी रमण, डीआइजी, सीआइएसएफ