कोचिंग संचालकों ने जनप्रतिनिधियों से मिल की समस्या समाधान की मांग Dhanbad News

कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के उप सचिव सह धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के महासचिव विकास तिवारी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा व्यवसायिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष अमितेश सहाय टुंडी विधायक माननीय मथुरा महतो से मुलाकात किया।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 04:36 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 04:36 PM (IST)
कोचिंग संचालकों ने जनप्रतिनिधियों से मिल की समस्या समाधान की मांग Dhanbad News
टुंडी विधायक माननीय मथुरा महतो से मुलाकात किया। (जागरण)

धनबादए जेएनएन : कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के उप सचिव सह धनबाद कोचिंग एसोसिएशन के महासचिव विकास तिवारी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा व्यवसायिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष अमितेश सहाय, टुंडी विधायक माननीय मथुरा महतो और बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो जी से मुलाकात किया। और प्राइवेट शिक्षकों के दयनीय स्थिति से अवगत कराया। कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के बीच देश में कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति देने और प्राइवेट शिक्षकों की आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों को अपने संज्ञान में लाने एवं शिक्षकों के मांग को अवगत कराने के संबंध में आवेदन पत्र दिया है। सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष से वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण शिक्षा क्षेत्र को सर्वाधिक नुकसान उठाना पड़ा है। सभी हितकारी छात्र तथा उनके माता पिता और शिक्षक देश भर में प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं। वर्तमान परिस्थितियों के कारण शिक्षा की सुविधा के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन यह केवल मेट्रो शहरों में प्रभावी है, और केवल मात्र समाज के आर्थिक रूप से संपन्न वर्ग के लिए हैं। प्रशासन के आदेश में कोचिंग संस्थानों को बंद करना पड़ा। जिससे न तो नए एडमिशन हुए और ना ही पहले के छात्रों से शिक्षण शुल्क संस्थानों को मिल पाई, लेकिन इसके विपरीत संस्थानों का किराया और बिजली बिल का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। अपने दैनिक जीवन को सुनिश्चित करने के लिए प्राइवेट शिक्षक संचालक क्या करें? उन्हें यह भी पता नहीं है स्थिति कितनी चिंताजनक है ? क्योंकि राज्य में कई शिक्षक ने आत्महत्या कर ली है। और कई शिक्षक उच्च रक्तचाप, शुगर, माइग्रेन, डिप्रेशन आदि के शिकार हो चुके हैं। इसके अलावा राज्य में लगभग 50,000 से अधिक पंजीकृत कोचिंग संस्थान है और इनसे जुड़े लगभग ढाई लाख से अधिक शिक्षक और अन्य कर्मचारी हैं। लाखों की संख्या में शिक्षित व्यक्ति हैं जो अपनी आजीविका के लिए निजी ट्यूशन पर निर्भर है। राज्य के नागरिक जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजी रोटी के लिए इस उद्योग पर निर्भर है। साथ ही सरकार से इस राज्य की शिक्षक बिरादरी के लिए संलग्न आवेदन में अंकित अनुरोध को स्वीकार करने का भी प्रार्थना किया है। जिसे गंभीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। बैंकों की ईएमआई की कर्ज से उनकी स्थिति इतनी दयनीय हो गई है। सरकार को जल्द ही इन कोचिंग संस्थानों के लिए कोई ना कोई विकल्प लेना चाहिए।

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