DMC: जान पर खेलकर लोगों की सेवा में जुटे हैं निगम कर्मी; बावजूद मार्च-अप्रैल का नहीं मिला मानदेय

कोविड-19 महामारी दिन प्रतिदिन विकराल रूप लेते जा रहा है। जिससे निगम कर्मी भी प्रभावित हुए हैं। बावजूद बगैर व्यापक सुरक्षा निगम कर्मी सफाई कर्मी मानदेय कर्मी संविदा कर्मी अनुबंध कर्मी एवं आउटसोर्सिंग कर्मी कोविड-19 महामारी से बचाव एवं जरूरतमंदों की सेवा में कार्यरत हैं।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 10:49 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:15 AM (IST)
DMC: जान पर खेलकर लोगों की सेवा में जुटे हैं निगम कर्मी;  बावजूद मार्च-अप्रैल का नहीं मिला मानदेय
कोविड-19 महामारी दिन प्रतिदिन विकराल रूप लेते जा रहा है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : कोविड-19 महामारी दिन प्रतिदिन विकराल रूप लेते जा रहा है। जिससे निगम कर्मी भी प्रभावित हुए हैं। बावजूद बगैर व्यापक सुरक्षा निगम कर्मी, सफाई कर्मी, मानदेय कर्मी, संविदा कर्मी, अनुबंध कर्मी एवं आउटसोर्सिंग कर्मी कोविड-19 महामारी से बचाव एवं जरूरतमंदों की सेवा में कार्यरत हैं।

इसके बाद भी वेतन मद में आवंटन के अभाव में माह मार्च एवं अप्रैल का मानदेय एवं मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। वर्तमान समय में आर्थिक कठिनाई हो रही है। भारतीय कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले निगम के स्थाई एवं अस्थाई मजदूरों की बैठक हीरापुर हटिया पार्क में शारीरिक दूरी का पालन करते हुई। इसमें विभिन्न अंचलों से संगठन के पदाधिकारी उपस्थित हुए। सभी ने अपने पूर्व की मांगों को लेकर चर्चा की। प्रदेश महासचिव ने पूर्व की मांगों का प्रतिवेदन रखा। 

यूनियन के प्रदेश महासचिव अश्विनी कुमार सिंह ने कहा मजदूरों की आवाज उठाने वाला भी कोई नहीं है। संगठन निगम प्रशासन से यह मांग करता है कि मजदूरों की उचित मांगे एवं बेहतरीन सुरक्षा उपकरण इस कोविड-19 महामारी में उपलब्ध कराएं, ताकि खुद सुरक्षित रहकर निगम क्षेत्र की जनता को सुरक्षित रख सकें। निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण स्थाई एवं अस्थाई कर्मियों को सातवां वेतन का भुगतान आज तक  नहीं किया गया। जबकि वैचारिक लाभ एक जनवरी 2016 से एवं वित्तीय लाभ एक अप्रैल 2019 से दिया जाना है। दो वर्ष बाद भी आज तक भुगतान नहीं किया गया, जबकि अन्य नगर निकायों में भुगतान किया जा चुका है। स्थायीकरण होने वाले दैनिक कर्मियों की सूची अभी तक विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई।

अभी महामारी का सबसे विकराल रूप है, लेकिन निगम के सफाई कर्मी अपनी जान पर खेलकर सफाई कार्य कर आम जनता को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं। सफाई मजदूरों को सुरक्षा उपकरण जैसे सैनिटाइजर, मास्क, बूट, हैंड ग्लव्स, साबुन, पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। निगम के 800 दैनिक सफाई मजदूरों का भविष्य निधि अक्टूबर 2020 से काटा जा रहा है, लेकिन लाभुक के खाते में पैसे जमा नहीं किया गया। बहुत सारे ऐसे मजदूर हैं, जिन्हें अभी तक यूएन नंबर भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। सभी सफाई मजदूरों को ईएसआइ का मेडिकल लाभ नहीं दिया जा रहा है, जबकि इन सारी मांगों पर नगर आयुक्त से वार्ता भी हुई थी और उन्होंने आश्वासन दिया था कि सभी मजदूरों को उनका उचित मांग पूरा किया जाएगा। इतने महीने बीत जाने के बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया गया। इससे मजदूरों एवं कर्मियों में काफी आक्रोश है। अपनी मांगों को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं। अगर निगम प्रशासन इन मांगों को पूरा नहीं करता तो सभी कर्मी आंदोलन के लिए बाध्य  होंगे। 

मजदूरों की प्रमुख मांगें

- सातवां वेतन का भुगतान सहित स्थाई कर्मियों का एसीपी एरियर का लाभ दिया जाए। 

- स्थाई करण होने वाले दैनिक कर्मियों की सूची विभाग को उपलब्ध कराई जाए। 

- कोविड 19 के लिए सभी सफाई मजदूरों को बेहतरीन सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराय जाए। 

- सभी दैनिक कर्मियों का काटा गया भविष्य निधि उनके खाते में जमा किया जाए। 

- सभी दैनिक कर्मियों को ईएसआइ मेडिकल सुविधा का लाभ दिया जाए।  

- जिन सफाई कर्मियों को यूएन नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया उसे उपलब्ध कराया जाए। 

- सभी कोरोना योद्धाओं का 50 लाख बीमा एवं कैंप लगाकर दोबारा कोरोना जांच की जाए।

- कोविड-19 के शिकार किसी भी स्थाई एवं अस्थाई कर्मियों की मेडिकल सुविधा एवं उनकी पूर्ण महीने की वेतन का भुगतान हो।

- 2020 कोविड-19 के दौरान सभी सफाई मजदूरों का बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान हो।

- 2021 कोविड-19 महामारी में संगठन राज्य स्वास्थ्य कर्मियों की तर्ज पर एक महीने का अतिरिक्त वेतन या मानदेय का भुगतान दिया जाए।

- सभी स्थाई एवं अस्थाई कर्मियों का माह मार्च एवं अप्रैल 2021 का भुगतान जल्द किया जाए।

- कोविड-19 महामारी को देखते हुए सभी स्थाई कर्मियों को सुबह छह से दो तक काम कराया जाए।

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