शोषण के खिलाफ लड़ाई ही मासस का इतिहास

निरसा : निरसा के देवियाना बस्ती में मासस ने शहीद का निमाई चटर्जी एवं देवाशीष घोष का 28वां

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Jul 2018 08:21 PM (IST) Updated:Sat, 07 Jul 2018 08:21 PM (IST)
शोषण के खिलाफ लड़ाई ही मासस का इतिहास
शोषण के खिलाफ लड़ाई ही मासस का इतिहास

निरसा : निरसा के देवियाना बस्ती में मासस ने शहीद का निमाई चटर्जी एवं देवाशीष घोष का 28वां शहादत दिवस संकल्प दिवस के रूप में मनाया। उक्त अवसर पर विधायक अरूप चटर्जी एवं मासस कार्यकर्ताओं ने उनकी वेदी पर माल्यार्पण कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। दो मिनट का मौन रखने के बाद शहीदों को श्रद्धासुमन अíपत किया।

विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि अन्याय जोर जुल्म और शोषण के खिलाफ लड़ने का मासस का इतिहास रहा है। आज से 25 वर्ष पूर्व जब कोलियरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सूदखोरों का बोलबाला था तो हमारे नेताओं ने लड़ाई लड़ी थी। शोषकों एवं माफियाओं के खिलाफ आंदोलन का परिणाम है कि आज निरसा के लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं। इस दौरान हमारे कई साथी शहीद हुए। कामरेड एके राय ने शोषण के खिलाफ लड़ने की हिम्मत पैदा की। सबसे ज्यादा मासस ने ही शोषण एवं माफिया के खिलाफ लड़ने व शहादत दी। हम लोग आज भी अपने पूर्व के नेताओं के बताए मार्ग पर चल रहे हैं। निमाई चटर्जी एवं देवाशीष घोष के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम लोग उनके बताए मार्ग पर चलें तथा शोषण के विरुद्ध संघर्ष का रास्ता अपनाएं।

उक्त अवसर पर आगम राम, केसी दत्ता, टुटुन मुखर्जी, बादल बाउरी, दिल मोहम्मद, मुखिया संघ अध्यक्ष विजय कुमार, पापन चटर्जी, वापीन घोष, लखन ¨सह, असीम राय, शुभाशीष घोष, अमरीश घोष, ¨पकी घोष आदि ने भी अपने विचार रखे।

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