SAIL: बीएसएल की सुरक्षा को लेकर सीआइएसएफ मुख्यालय हुआ गंभीर, रिक्त पदों पर जल्द होगी अधिकारियों की नियुक्ति
SAIL बोकारो स्टील प्लांट की सुरक्षा का जिम्मा कमांडेंट तो पास सेक्शन की जवाबदेही इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी के पास होती है। वर्तमान में बीएसएल इकाई में एक कमांडेंट के अलावा इंस्पेक्टर स्तर के काफी अधिकारी है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीआइएसएफ मुख्यालय गंभीर है।
जागरण संवाददाता, बोकारो। बोकारो इस्पात संयंत्र की सुरक्षा को लेकर सीआइएसएफ मुख्यालय गंभीर हो गया है। ऐसा इसलिए बीएसएल में आधुनिकीकरण का काम जोर-शोर से चल रहा है और नए परियोजना के लिए कई महंगी सामग्री की उपयोगिता बढ़ गई है। ऐसे में कतिपय लोग अपनी बुरी नजर सामग्री के हेराफेरी करने में लगाए हुए है। बावजूद इसके बीएसएएल में संयंत्र की सुरक्षा उप कमांडेंट व पास सेक्शन का जिम्मा सब इंस्पेक्टर के जिम्मे पर है। इससे मुख्यालय की ङ्क्षचता बढ़ गई है। चूंकि महारत्न कंपनी सेल की सबसे महत्वपूर्ण इकाई बोकारो इस्पात संयंत्र है। यहां संयंत्र की सुरक्षा का जिम्मा कमांडेंट तो पास सेक्शन की जवाबदेही इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी के पास होती है। वर्तमान में बीएसएल इकाई में एक कमांडेंट के अलावा इंस्पेक्टर स्तर के काफी अधिकारी है। ऐसे में किन परिस्थिति में उक्त दोनों महत्वपूर्ण स्थानों में उप कमांडेंट व एसआई से विभागीय काम-काज को चलाया जा रहा है। यह कई सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि बोकारो मुख्यालय की ओर से दिल्ली मुख्यालय को पत्र लिखकर यहां राजपत्रित अधिकारियों की कमी का हवाला पूर्व में ही दिया जा चुका है। जिसके बाद जल्द ही यहां रिक्त पदों पर उप कमांडेंट व सहायक कमांडेंट को नियुक्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
स्टील गेट की घटना से सतर्क हुआ मुख्यालय
बीते 21 सितंबर को बोकारो संयंत्र के स्टील गेट पर सीआइएसएफ द्वारा दो ट्रक को संदेह के आधार पर माल सहित पकड़ा गया। इसकी जांच रिपोर्ट आज बारह दिन बीत जाने के बाद भी नही आई। डीआइजी सौगत राय स्वयं मामले पर अपनी पूरी नजर जमाए हुए है। इसलिए बात रफा-दफा नही हो पा रही है। मुख्यालय के लिए ङ्क्षचता की बात यह है की संयंत्र में इससे पूर्व भी बीते वर्ष ऐसी घटनाएं हुई थी, जहां मामले में संलिप्त सीआइएसएफ के पांच इंस्पेक्टर समेत कई बल सदस्यों का तबादला दूसरे राज्यों के इकाई में कर दिया गया था। बाद में संयंत्र की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए डीआइजी सौगत राय ने अपराध शाखा की पूरी टीेम को बीते माह बदल दी थी। इसके अलावा वे अब हर कंपनी व पोस्ट पर अपनी कड़ी निगरानी बनाए हुए है। बात स्पष्ट है की जो मामला डीआइजी के संज्ञान में नही हो तो वैसी घटना के रोकथाम के लिए क्या उपाय हो सकें। इसलिए जिस अधिकारी के लिए जो पद सृजित है, वहां उसी रैंक के अफसरों को बहाल करने का निर्णय लिया गया है।