Mining Technology: खनन के लिए धमाका से नहीं कांपेगा इलाका, ऐसी तकनीक विकसित कर रहा सिंफर
खान सुरक्षा महानिदेशालय की ओर से आम तौर पर आबादी वाली जगहों से 100 मीटर से अधिक दूरी पर ही खनन की अनुमति दी जाती है। इससे घनी आबादी वाले स्थानों में भूगर्भ में मौजूद अरबों रुपये का खनिज नहीं निकाला जा पाता है।
धनबाद [ तापस बनर्जी ]। जी हां, बहुत जल्द ऐसी देसी तकनीक आ जाएगी, जिससे खनन क्षेत्रों में ब्लास्टिंग( धमाका) के दौरान आसपास की घनी आबादी वाला इलाका नहीं कांपेगा। केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के विज्ञानी यह तकनीक विकसित कर रहे हैं। ताकि घनी आबादी वाले इलाकों खनिज संपदा निकाल ली जाए और आबादी भी सुरक्षित रहे। खनन मंत्रालय से मिली जिम्मेवारी पर विज्ञानियों ने काम शुरू कर दिया है। इसी वर्ष इस तकनीक का ट्रायल भी हो जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी गति
दरअसल खान सुरक्षा महानिदेशालय की ओर से आम तौर पर आबादी वाली जगहों से 100 मीटर से अधिक दूरी पर ही खनन की अनुमति दी जाती है। इससे घनी आबादी वाले स्थानों में भूगर्भ में मौजूद अरबों रुपये का खनिज नहीं निकाला जा पाता है। सिंफर विज्ञानी नई कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग तकनीक विकसित करने में जुट गए हैं। यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देगा।
रेल लाइन बिछाने में इस्तेमाल हुई तकनीक
केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान की कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग तकनीक का इस्तेमाल कोंकण रेलवे के पहाड़ी इलाकों में हुआ है। वहां चट्टानों को तोड़कर रेल लाइन बिछाई गई। मुंबई में इसी तकनीक से ग्रीन एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। अब देश की ओपनकास्ट खदानों के लिए कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग की और परिष्कृत नई तकनीक विकसित होगी। इसमें कंपन कम तीव्रता के होंगे। पत्थर उछल कर आबादी वाले क्षेत्रों में नहीं जा सकेंगे।
ऊर्जा के सटीक प्रयोग पर आधारित होगी तकनीक
प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. आदित्य राणा ने बताया कि तीन साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है। इसे सफलता के साथ पूरा करेंगे। इस तकनीक के धरातल पर उतरते ही देश को लाखों करोड़ का फायदा होने लगेगा। तकनीक ऊर्जा के सिद्धांत पर आधारित है। विस्फोट से जो ऊर्जा निकलेगी उसका पूरा केंद्र वे पत्थर ही होंगे जिनको तोडऩा है। विस्फोट के बाद यह भी ध्यान दिया जाएगा कि टूटे पत्थरों को ऊर्जा इतनी न मिले कि वे छिटक कर दूर चले जाएं। विस्फोट के कारण होने वाले कंपन भी नियंत्रित करेंगे। ताकि कंपन से निकलने वाली तंरगों की तीव्रता कम हो जाए।
सिंफर की कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग तकनीक से देशभर में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। अब खनन के लिए और बेहतर नई तकनीक विकसित करने की जिम्मेवारी मिली है। संस्थान के विज्ञानी तय समय पर प्रोजेक्ट पूरा करेंगे।
-डॉ. प्रदीप कुमार सिंह निदेशक, सिंफर