Nirsa Ganja seizure case: निर्दोष को फंसाने के तीन आरोपितों को सीआइडी ने दबोचा, अब मुख्य साजिशकर्ता की बारी

निरसा पुलिस ने 39 किलो गांजा बरामद करने के बाद ईसीएलकर्मी चिंरजीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में सीआइडी ने तीन को गिरफ्तार किया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 05:44 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 02:22 PM (IST)
Nirsa Ganja seizure case: निर्दोष को फंसाने के तीन आरोपितों को सीआइडी ने दबोचा, अब मुख्य साजिशकर्ता की बारी
Nirsa Ganja seizure case: निर्दोष को फंसाने के तीन आरोपितों को सीआइडी ने दबोचा, अब मुख्य साजिशकर्ता की बारी

राज्य ब्यूरो, रांची। धनबाद जिले के निरसा थाना क्षेत्र के एक केस में अवैध तरीके से गांजा प्लांट करने के मामले में तीन आरोपित शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए। गिरफ्तार आरोपितों में धनबाद के कतरास थाना क्षेत्र के पंचगढ़ी बाजार निवासी नीरज कुमार तिवारी, तेतुलमारी थाना क्षेत्र के चंदरो स्थित शक्ति चौक गणडुवा बस्ती निवासी रवि कुमार ठाकुर व तेतुलमारी वेस्ट मुनी निवासी सुनील कुमार चौधरी उर्फ सुनील पासी शामिल हैं। इनपर एक साजिश के तहत गांजा प्लांट कर निर्दोष ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के कर्मी चिरंजीत घोष को झूठे केस में फंसाने का आरोप है। इस केस में चिरंजीत को निरसा पुलिस ने जेल भेजा था। चिरंजीत के खिलाफ पुलिस जुर्म साबित नहीं कर सकी थी, जिसके चलते वह जेल से छूट गए थे।

निरसा थाने में 25 अगस्त 2019 को दर्ज उक्त केस का अनुसंधान सीआइडी कर रही है। सीआइडी ने अब तक के अनुसंधान व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद वरीय पुलिस पदाधिकारियों के होश उड़ गए हैं। इस मामले में वरीय पुलिस पदाधिकारियों की भूमिकी की भी जांच हो रही है। क्योंकि निरसा के निलंबित थानेदार ने कह दिया है कि पूरी कार्रवाई वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर हुई थी। गांजा बरामदगी के बाद एसडीपीओ विजय कुशवाहा ने थाना में पीसी कर कहा था कि एसएसपी किशोर काैशल से प्राप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। यह पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। 

कोयला तस्करी में रोड़ा बन रहे थे चिरंजीत, इसलिए फंसाया

धनबाद में गांजा तस्करी में ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को फंसाने के मामले में सीआइडी अनुसंधान में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि जिस कार में 39.300 किलोग्राम गांजा प्लांट किया गया था, वह मेदिनीनगर के एक कबाड़ी कारोबारी की थी। एक साजिश के तहत यह पूरा खेल हुआ, ताकि कोयला तस्करी के रास्ते में रोड़ा बने चिरंजीत घोष को रास्ते से हटाया जा सके। दोनों आरोपित नीरज कुमार तिवारी व रवि कुमार ठाकुर ने उक्त कार में गांजा प्लांट किया था। उस कार को कबाड़ी वाले के एक चालक ने धनबाद पहुंचाया। यहां एक पुलिस अधिकारी के कहने पर धनबाद के निरसा में कार को पकड़ा गया। कार का चालक भागा या भगाया गया, यह जांच का विषय है। वहां मौके पर मौजूद सुनील कुमार चौधरी जब्ती का चश्मदीद बना था। इस केस में जब प्राथमिकी दर्ज हुई, उसमें ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष का नाम जोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में पुलिस ने तथ्य की भूल बताते हुए और साक्ष्य नहीं मिलने की बात करते हुए उन्हें जेल से छुड़ाया।

एडीजी के आदेश पर अनुसंधान कर रही है सीआइडी

सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा ने धनबाद के निरसा में 39.300 किलोग्राम गांजा जब्त मामले को गत मई महीने में टेकओवर किया था। इस मामले में 25 अगस्त 2019 को निरसा थाने में कांड संख्या 179/19 में एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब इस कांड के अनुसंधान के लिए गठित विशेष टीम का नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं और उन्हें पुलिस निरीक्षक, पुलिस अवर निरीक्षक व सहायक अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी अनुसंधान में सहयोग कर रहे हैं।

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