Dhanbad के पब्लिक स्कूलों की शिकायत पर आयोग ने लिया संज्ञान; सचिव को दिया आवश्यक कार्रवाई का निर्देश

जिले के पब्लिक स्कूलों के खिलाफ अभिभावक महासंघ की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। इस संबंध में आयोग के रमन कुमार गौर ने बुधवार को पत्र जारी कर झारखंड के शिक्षा सचिव को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:23 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:23 PM (IST)
Dhanbad के पब्लिक स्कूलों की शिकायत पर आयोग ने लिया संज्ञान; सचिव को दिया आवश्यक कार्रवाई का निर्देश
झारखंड के शिक्षा सचिव को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : जिले के पब्लिक स्कूलों के खिलाफ अभिभावक महासंघ की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। इस संबंध में आयोग के रमन कुमार गौर ने बुधवार को पत्र जारी कर झारखंड के शिक्षा सचिव को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

बताते चले कि जिले के पब्लिक स्कूल में पढ़ाई कर रहे बच्चों के माता पिता स्कूल की मनमानी से परेशान है। कोविड के दौरान पहले पब्लिक स्कूलों ने पहले तो शुल्क बढ़ा दिया और अब शुल्क नहीं देने पर तरह-तरह के हथकंडे अपना कर अभिभावकों पर शुल्क देने का दबाव बना रहे हैं।

लगातार इसकी शिकायतें देखने और सुनने को मिल रही है। स्कूलों के मनमानी के शिकार अभिभावक कभी सोशल साइट पर अपनी दर्द बयां कर रहे हैं तो कई अभिभावक महासंघ से इसकी शिकायत कर आवश्यक कदम उठाने को कह रहे हैंं। कई पब्लिक स्कूलों में तो टेस्ट भी शुरू हो गया है।

फीस बकाया रखने वाले बच्चों को ग्रुप से निकालने की शिकायत आ रही है तो कई शुल्क ऑनलाइन क्लास में ही ऐसे बच्चों से दूरी बना रहे हैं। कुछ स्कूल तो बच्चों को किताब तक देने में परहेज कर रहे हैं और फीस जमा करने तक की बात कर रहे हैं। लगातार आ रही है शिकायतों के बाद अभिभावक महासंघ ने जिले के 14 पब्लिक स्कूलों के खिलाफ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से शिकायत की थी।

महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद भी पब्लिक स्कूल मनमानी कर अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयोग से कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौर में आर्थिक तंगी से गुजर रहे अभिभावकों के हितों की रक्षा करते हुए बच्चों को मानसिक प्रताडुना से मुक्ति दिलाते हुए आरटई की धारा 16 एवं 17 की अवमानना पर रोक लगाने की शिकायत की थी। बुधवार को इस मामले में संज्ञान लेते हुए आयोग ने झारखंड के सचिव को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

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